महराजगंज:प्रदेश में कोरोना की रफ्तार कम नहीं हो रही है. इतना ही नहीं प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. इतवा ही नहीं इलाज और जागरुकता के अभाव में लोगों की मौत भी हो रही है. यही हाल महराजगंज जिले का भी है. जनपद मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित मिठौरा ब्लॉक के बड़हरा मीर गांव में पंद्रह दिनों के भीतर ही 12 लोगों की मौत हुई है, जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है. मरने वालों में आधे से ज्यादा लोग युवा वर्ग के थे.
कोरोना और इलाज को लेकर जब ग्रामीणों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हमें हल्की-फुल्की बीमारी होती है तो हम इलाज के लिए गांव के चौराहे पर के डॉक्टरों के पास जाते हैं और ठीक हो जाते हैं.जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि गांव के चौराहे पर बैठने वाले डॉक्टरों के पास न तो कोई डिग्री है और न ही जीवन बचाने के लिए कोई खास चिकित्सीय उपकरण. इसके बावजूद भी जागरुकता के अभाव में ग्रामीण यहां अपना इलाज कराने चले आते हैं.
जागरूकता की कमी
सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी ग्रामीणों में कोरोना को लेकर जागरूकता नहीं देखने को मिल रही है. लोग गांव के हालातों से सहमे जरूर हैं, लेकिन कोरोना के लक्षण और बचाव इन्हें नहीं पता. जागरुकता की कमी का आलम यह है कि जिनके घरों में कोरोना से मौत हुई है उनके घर ब्रह्मभोज किया जा रहा है, जहां उनके परिवार के साथ उनके तमाम रिश्तेदार भी पहुंचे हैं.
स्वास्थ्य विभाग का अमला अब भी गांव से दूर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार गांव-गांव जाकर ग्रामीणों में कोरोना के लक्षणों की पहचान कर उनकी टेस्टिंग कराकर उन्हें उचित उपचार देने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अमला अब तक गांव की पहुंच से कोसों दूर है.
सांसद का गोद लिया हुआ गांव है बड़हरा मीर
साल 2014 में सांसद पंकज चौधरी ने इस गांव को गोद लिया था. तबसे विकास के नाम पर यहां आरओ मशीन लगाई गई है, जिससे ग्रामीण शुद्ध पानी लेते हैं. यहां पंचायत भवन, हाट बाजार, प्राथमिक विद्यालय भी है, लेकिन सांसद के गोद लिए गए गांव में जैसी सड़कें और स्वच्छता होनी चाहिए, वैसी नहीं है.
ग्रामीणों ने बताई हकीकत