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लखनऊ हिंसा: इलाज के दौरान एक युवक की मौत, डीजीपी ने पुलिस की गोली से मौत को नकारा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हुसैनाबाद में चली गोली में एक युवक की ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक युवक का नाम मोहम्मद वकील है जो कि सज्जाद बाग का निवासी था.

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Published : Dec 19, 2019, 8:34 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 10:05 PM IST

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युवक की इलाज के दौरान मौत

लखनऊ:प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति के पेट में गोली लगी थी. जिसको इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था. जिसकी देर शाम ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई. युवक थाना ठाकुरगंज स्थित सज्जाद बाग का निवासी बताया जा रहा है. बाराबंकी जिले के एडिशनल एसपी अशोक कुमार शर्मा को भी पथराव के दौरान चोट लगी है. उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अपर पुलिस अधीक्षक विधानसभा ड्यूटी पर लखनऊ गये थे.

युवक की इलाज के दौरान मौत

हिंसा में घायल युवक की मौत

  • राजधानी में दिन भर चले प्रदर्शन और उपद्रव के बाद शाम को एक युवक की मौत होने की बात सामने आई है.
  • लखनऊ के हुसैनाबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी.
  • हुसैनाबाद में हुई हिंसा में सज्जाद बाग निवासी मोहम्मद वकील नाम के युवक को पेट में गोली लग गई थी.
  • ट्रामा सेंटर में उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
  • गुरुवार की शाम को इलाज के दौरान मोहम्मद वकील की मौत हो गई.
  • मृतक युवक की बॉड़ी ट्रामा सेंटर से मोर्चरी भेज दी गई है.
  • मृतक के अलावा तीन और युवक गोली का शिकार हुए हैं, इनके नाम वकील खान, रंजीत और जिलानी हैं.

भाई ने कहा- पुलिस की गोली से हुई मौत

मृतक मो. वकील के छोटे भाई मोहम्मद तौफीक से ईटीवी भारत ने बात की. मृतक युवक के भाई ने बताया कि मेरा भाई ऑटो चलाता है. वो ऑटो खड़ा करके घर वापस जा रहे थे. जब देखा माहौल ठीक नहीं है तो गाड़ी खड़ी करके घर की तरफ वापस आ रहे थे तभी किसी सिपाही ने गोली चलाई और गोली कमर में लग गई.

मोहम्मद तौफीक ने बताया कि हमारे दोस्त ने देखा वह बता रहा था कि दरोगा ने गोली चलाई है. घटना करीब ढाई 2:45 बजे की है, 3:15 बजे के आस-पास हम लोग उन्हें ट्रामा सेंटर लेकर आए थे. डॉक्टर ने कहा था कि दिल की धड़कन चल रही है लेकिन बचना मुश्किल है. हमने कहा कि कोशिश करिए, ज्यादा से ज्यादा कोशिश करिए और हमारे भाई को बचा लीजिए. घर में हम दोनों भाई हैं और कोई काम करने वाला नहीं है.

पुलिस में शिकायत की बात पर उसने कहा कि हमने किसी से शिकायत नहीं की है. सरकार से मुआवजे की बात करने के सवाल पर कहा कि हम सरकार से क्या बात करेंगे .

पुलिस की गोली से नहीं हुई मौत- डीजीपी

युवक की मौत के बाद प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. जहां मृतक के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि मृतक की मौत पुलिस की गोली से हुई है. वहीं दूसरी ओर डीजीपी ओपी सिंह ने बयान दिया कि मुझे नहीं लगता कि मृतक की मौत पुलिस की गोली या प्रदर्शन की वजह से हुई है.

Last Updated : Dec 19, 2019, 10:05 PM IST

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