लखनऊ:मोहर्रम महीने के चांद का दीदार शुक्रवार को नहीं हो हुआ. इसकी तस्दीक शिया- सुन्नी चांद कमेटियों ने की है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने से ही नए वर्ष की शुरुआत होती है. इसी महीने में पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. इस महीने में बड़ी तादाद में शिया मुसलमान मजलिस- मातम का एहतिमाम करते है और इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते है.
9 अगस्त को यौमे आशूरा यानी दस मोहर्रम का दिन होगा, इसी दिन इमाम हुसैन की कर्बला में शहादत हुई थी. गम और शहादत का महीना मोहर्रम पूरे देश में रविवार 31 जुलाई से मनाया जायेगा. लखनऊ में पहली मोहर्रम से लेकर दस मोहर्रम तक जुलूस निकाले जाते है.मोहर्रम के दस दिनों तक सोगवार माहौल में जुलूस निकालकर हजरत इमाम हुसैन और कर्बला की जंग में शहीद होने वाले उनके 72 साथियों को याद किया जाता है. इस दौरान कई इमामबाड़ों में आग का मातम, सिनाजनी और कमा लगाकर अपने दुख का इजहार किया जाता है.