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अगर अफसरों ने जनसुनवाई में की लापरवाही तो चलेगा योगी का हंटर, मिली आखिरी चेतावनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शनिवार की रात प्रदेशभर के अफसरों इसमें खासतौर पर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान के अलावा पुलिस कमिश्नर शामिल थे को सख्त लहजे में हिदायत देते हुए जनसुनवाई में किसी भी तरह की कोताही न बरतने का निर्देश दिया. वहीं, यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि कोताही पर अफसरों पर गाज गिरेगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर के अफसरों संग की बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर के अफसरों संग की बैठक

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Published : Oct 3, 2021, 6:51 AM IST

लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शनिवार की रात प्रदेशभर के अफसरों इसमें खासतौर पर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान के (CM Yogi held a meeting with the officers) अलावा पुलिस कमिश्नर शामिल थे को सख्त लहजे में हिदायत देते हुए जनसुनवाई में किसी भी तरह की कोताही न बरतने का निर्देश दिया. वहीं, यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि कोताही पर अफसरों पर गाज (Yogi hunter will run on negligence) गिरेगी. साथ ही कहा गया कि अब रोजाना दफ्तर में बैठकर आम आदमी की परेशानी को दो घंटे कम से कम सुनना होगा.

इसके अलावा जिला तहसील स्तर पर हल होने वाली समस्याओं के लखनऊ पहुंचने पर अफसरों की जवाबदेही तय होगी. पिछले दिनों जनसुनवाई में अनुपस्थित पाए गए जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों से मुख्यमंत्री ने स्पष्टीकरण तलब किया है और आगे से इस तरह की लापरवाही होने पर कड़ी कार्रवाई को तैयार होने की सख्त हिदायत दी है. मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख जिलों के पुलिस कप्तानों और जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसुनवाई प्रणाली (आईजीआरएस) व ‘1076 सीएम हेल्पलाइन’ के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की. इसके अलावा उन्होंने कानून-व्यवस्था, धान खरीद केन्द्र, संचारी रोगों, निराश्रित गो आश्रय स्थलों सहित शासकीय व जनकल्याणकारी योजनाओं आदि के संबंध में भी समीक्षा की.

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एक अक्टूबर की पड़ताल में गैर हाजिर रहे 31 जिलाधिकारियों व 24 पुलिस अधीक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. चेतावनी देते हुए कहा सीएम ने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने आईजीआरएस प्रणाली और सीएम हेल्पलाइन के तहत जनसुनवाई और जनसमस्याओं के समाधान के प्रति शिथिलता और लापरवाही बरतने व रूचि न लेने वाले जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को कार्य प्रणाली में सुधार लाए जाने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक शिकायतों का समयबद्ध व गुणवत्तापरक निस्तारण जरूरी है. यह राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने अधिकारियों को कार्यालय समय से पहुंचने और प्रतिदिन निर्धारित समय पर जनसुनवाई सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर, उन्हें दण्डित किया जाएगा.

योगी ने कहा कि सभी अधिकारी संवेदनशीलता, अनुशासन, गरिमा का परिचय देते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें. योगी ने कहा कि जिले के लोगों को शिकायतों के निस्तारण के लिए राजधानी लखनऊ आना पड़ता है, यह स्थिति ठीक नहीं है.

आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के तहत प्राप्त शिकायतों का मिलना यह दर्शाता है कि स्थानीय एवं विभागीय स्तर पर समस्याओं के समाधान में अपेक्षित कार्यवाही नहीं की जा रही है. यदि कार्यवाही हो भी रही है, तो उससे शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है. कार्यवाही का निस्तारण तभी माना जाए, जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के तहत प्राप्त होने वाली शिकायतों व जनसमस्याओं के संबंध में प्रत्येक स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए. समस्या का निस्तारण संतुष्टिपरक एवं समयबद्ध ढंग से करें. उन्होंने कहा कि सभी स्तर के अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन प्राथमिकता के आधार पर करें.

उन्होंने कहा कि जनता दर्शन में प्राप्त होने वाली 90 से 95 प्रतिशत शिकायतों व समस्याओं का संबंध थाना और तहसील से होता है. थाना दिवस, तहसील दिवस पर आने वाले फरियादियों की समस्याओं का निदान शीघ्रता से हो. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतों व समस्याओं का निस्तारण शीघ्रता से किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों पर मेरिट के आधार पर तैनाती की जाए. कानून व शांति व्यवस्था के सम्बन्ध में हर छोटी से छोटी घटना का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई हो. वरिष्ठ अधिकारी कार्यालयों, थानों व तहसीलों का आकस्मिक निरीक्षण करें. ईमानदारी, निष्ठा एवं प्रतिबद्धता के साथ जनता के हित में करें. अपराधियों से सांठ-गांठ रखने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए धान की खरीद 01 अक्टूबर, से प्रारम्भ हो गयी है. धान क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी के स्तर पर समीक्षाएं की जाएं. धान की पराली को जलाने की प्रक्रिया पर नियंत्रण हुआ है. पराली को निराश्रित गो आश्रय स्थलों में पहुंचाने से चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी और प्रदूषण पर भी रोक लगेगी.

उन्होंने गो आश्रय स्थलों में साफ-सफाई और चारे की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक गो आश्रय स्थल के लिए नोडल अधिकारी तैनात रहें, जिनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए. योगी ने कहा कि बरसात के दौरान व उसके बाद का समय वेक्टर तथा जल जनित बीमारियों का प्रकोप होता है.

यह समय सतर्कता का है. शुद्ध पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्थाएं हर हाल में सुनिश्चित की जाए. एण्टी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग तथा सेनिटाइजेशन का कार्य निरन्तर जारी रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वदशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की पात्रता श्रेणी में आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति उनके खातों में 30 नवम्बर, तक भेजनी सुनिश्चित की जाए. बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए पात्र कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही की जाए. उन्होंने कहा कि पोषण माह अभियान के सम्बन्ध में भी समीक्षाएं सुनिश्चित हों.

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्अमित मोहन प्रसाद व अन्य अफसर मौजूद रहे.

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