लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के लिए साल 2020 यादगार रहा. पार्टी ने साल के शुरूआती दिनों में ही राज्य में हुए विधानसभा उपचुनाव के 12 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की. और जब साल का अंतिम पड़ाव आया तब पार्टी ने 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में से 6 पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. विधानपरिषद की 11 सीटों पर हुए चुनाव में भी 6 सीट जीतने में बीजेपी कामयाब रही.
साल की शुरूआत के साथ ही प्रदेश में उपचुनाव हुए. यह उपचुनाव योगी सरकार के लिए एक चुनौती थी. उन्हें साबित करना था कि उनकी पकड़ जनता के बीच अभी भी वैसी ही है.
राज्य की 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे थे. जब चुनाव परिणाम सामने आया तो बीजेपी ने बाजी मारते हुए 12 में से 9 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया.
जीत दर्ज कर दिखाई अपनी ताकत
साल 2020 के अक्टूबर-नवंबर महीने में राज्य में फिर 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. इस बार एक बार फिर बीजेपी ने खुद को साबित करते हुए सात में से 6 सीटों पर कब्जा जमा लिया. पार्टी ने फिरोजाबाद की टुंडला, उन्नाव की बांगरमऊ, बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर, जौनपुर की मल्हनी, कानपुर की घाटमपुर, अमरोहा की नौगांवा सादात, देवरिया की सदर सीट पर उपचुनाव हुए थे. मल्हनी सीट छोड़कर बाकी सभी सीटें बीजेपी की झोली में गईं.
विधानपरिषद चुनाव में भी दिखा दम
राज्य में विधानपरिषद में शिक्षक कोटे की 6 और स्नातक कोटे की 5 सीटों पर चुनाव हुए. शिक्षक सीटों पर बीजेपी ने पहली बार चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशी उतारे थे. चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया. तीन पर जीत हासिल की. वहीं स्नातक की पांच सीटों में से तीन पर बीजेपी को जीत हासिल हुई. इस तरह से बीजेपी को 11 में से 6 सीटों पर जीत मिली.
समाजवादी पार्टी का एकछत्र राज खत्म
राज्य के सहकारिता के चुनाव में भी पार्टी ने पहली बार चुनौती पेश की. आमतौर पर सहकारिता पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा है. लेकिन बीजेपी ने रणनीति बनाकर इस बार सहकारिता चुनाव में भी अपना दम दिखा दिया. सहकारिता में भी पार्टी ने अपनी धाक दिखा दी.
देश जब कोरोना संकट का सामना करने लगा तब बीजेपी ने लोगों की मदद कर अपनी पहचान बनाई. पार्टी ने 27 मार्च से 23 मई के बीच राज्य में चार करोड़ से अधिक भोजन के पैकेट बांटे. 40 लाख 54 हजार के राशन वितरित किए. पार्टी ने इस दौरान 92 लाख 44 हजार मास्क भी लोगों के बीच बांटे. 13 मई से 23 मई के बीच 185 सेवाकेंद्र संचालित किए गए. इस दौरान करीब 10 लाख प्रवासी श्रमिकों को भोजन मुहैया कराया गया.
विपक्ष नहीं पेश कर सका चुनौती
राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय कहते हैं कि जहां कोरोना की वजह से साल 2020 को बहुत लोग खराब मान रहे हैं वहीं यह साल बीजेपी के लिए काफी अच्छा रहा. उन्होंने कहा कि इस साल विपक्ष बीजेपी के लिए चुनौती पेश ही नहीं कर सका. जबकि बीजेपी ने तकनीकों का इस्तेमाल कर बड़ी संख्या में वर्चुअल रैली की, लोगों तक अपनी पहुंच बनाई.