लखनऊ : राजधानी लखनऊ में लोकभवन और विधानभवन के सामने आत्मदाह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. दो दिन पहले ही हरदोई जनपद की एक ही परिवार के 5 लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया था. यह कोई पहला मामला नहीं था बल्कि इससे पहले भी लगातार ऐसे मामले सामने आते रहे हैं.
लोकभवन के बाहर एक के बाद एक आत्मदाह की घटनाएं सरकार के कामकाज पर भी सवाल खड़ा कर रही हैं. इसमें ज्यादातर लोग पुलिस और प्रशासन से सुनवाई न होने और न्याय न मिलने से नाराज होकर आत्मदाह का प्रयास करते हैं. इन घटनाओं को देखते हुए लोगभवन और विधानभवन के बाहर सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहते हैं. हालांकि इसके बावजूद भी लोग आत्मदाह के प्रयास से नहीं चूक रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार बीते 214 दिन में 363 लोग आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं जो की एक बड़ी संख्या है. वहीं पुलिस की सक्रियता के चलते 275 से ज्यादा लोगों को समय रहते बचाया जा सका है.
आत्मदाह के प्रयास के मामले बढ़े
एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी जिलों के अधिकारियों को लगातार निर्देशित कर रहे हैं कि आम लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए. लेकिन इसके बावजूद जनता सुनवाई न होने से नाराज होकर राजधानी तक चला आ रही है और आत्मदाह करने के मामले बढ़ रहे हैं. अब ऐसे में यह घटनाएं योगी सरकार की कानून व्यवस्था के ऊपर भी बड़े सवाल खड़े करती हैं.
पुलिस का कड़ा पहरा
राजधानी में लोकभवन और विधानभवन के आसपास पुलिस का कड़ा पहरा रहता है. यहां पर तीन अलग-अलग ड्यूटी शिफ्ट में पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. वहीं इन पुलिसकर्मियों के पास आग बुझाने के उपकरण भी रहते हैं. साथ ही इनको ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिए ट्रेंड भी किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
राजधानी लखनऊ में विधानभवन और लोकभवन के सामने बढ़ रहे आत्मदाह के मामले सरकार के लिए बड़ी चिंता का कारण हैं. लखनऊ कमिश्नरेट के ज्वाइंट सीपी नवीन अरोड़ा ने बताया कि पुलिस की सक्रियता के चलते बढ़ रहे आत्मदाह के मामलों की घटनाओं में बड़ी संख्या में लोगों को बचाया गया है. साल 2020 से अब तक पौने 300 लोगों को पुलिस की सक्रियता के चलते बचाया जा सका है. वहीं ज्यादातर मामले गैर जनपदों के आ रहे हैं. पीड़ित लोग सरकार का ध्यान खींचने के लिए और त्वरित सुनवाई के लिए यहां आकर आत्मदाह की कोशिश करते हैं, लेकिन लगातार लोगों की समस्याओं की चरणबद्ध तरीके से सुनवाई की जा रही है.