लखनऊ: पूर्व बसपा एमएलसी और खनन माफिया हाजी इकबाल पर शिकंजा कसता जा रहा है. हाजी इकबाल के खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा दर्ज किया है. हाजी इकबाल के खिलाफ शासन ने साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी विजिलेंस को जांच के आदेश दिए थे. उस दौरान हाजी इकबाल बसपा से एमएलसी थे.
यूपी विजिलेंस मेरठ यूनिट के इंस्पेक्टर रणवीर सिंह ने बताया कि तत्कालीन एमएलसी हाजी इकबाल के खिलाफ जांच में पाया गया है कि लोकसेवक रहते समय 1 करोड़ 12 लाख 16 हजार 278 रुपये की वैध स्रोतों से आय हुई थी. जांच में आया कि हाजी इकबाल ने आय से 5 गुना ज्यादा यानी 6 करोड़ 91 लाख 96 हजार 591 रुपये खर्च किए, जो आय से 5 करोड़ 79 लाख 80 हजार 313 रुपये ज्यादा थे.
विजिलेंस की पूछताछ में हाजी इकबाल कोई जवाब भी नहीं दे पाए थे. जांच में हाजी इकबाल को भृष्टाचार का आरोपी मानते हुए भृष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 13(1) बी और 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
करोड़ों की संपत्ति जब्त-हाजी इकबाल और उनके बेटों के खिलाफ बीते 3 साल में कई मामले सुर्खियों में रहे. इन 3 सालों में उन पर शिकंजा कसता गया. प्रवर्तन निदेशालय ने हाजी इकबाल की 1097 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी. हाजी इकबाल के दो बेटे जावेद और आलीशान जेल में हैं. दो अन्य बेटों की पुलिस तलाश कर रही है. हाल ही में हाजी इकबाल की अब तक 1350 बीघा जमीन शासन जब्त कर चुका है, जिसमें 400 बीघे जमीन प्रशासन कब्जा भी ले चुका है. अवैध रूप से अर्जित की गई हाजी इकबाल की संपत्ति पर गिरोहबंद अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी, जिसके तहत हाजी इकबाल और उसके रिश्तेदारों की 125 संपत्तियों पर कार्रवाई की गई है.
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