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पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर बीजेपी केवल भ्रम फैला रही, कांग्रेस चलाएगी जागरूकता अभियान - यूपी में पसमांदा मुसलमान की राजनीति

लोकसभा चुनाव 2024 में पसमांदा मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए सभी दल अपनी अपनी जुगत लगा रहे हैं. हिंदुत्व के सहारे सत्ता में आई भाजपा भी मुस्लिम समुदाय में सेंधमारी कर रही है. वहीं कांग्रेस इसे भाजपा का दोहरा चरित्र बताकर जागरूकता अभियान चला रही है.

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Published : Aug 7, 2023, 11:01 PM IST

पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर बीजेपी केवल भ्रम फैला रही. देखें खबर

लखनऊ :2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपने वोट बैंक में दो प्रमुख समुदाय के वोट को लेकर सजग है. कांग्रेस मुस्लिम और दलित वोट बैंक को लेकर काफी तेजी से काम कर रही है. जहां निकाय चुनाव के बाद मुसलमानों का रुझान एक बार फिर से कांग्रेस की तरफ हुआ है. वहीं पार्टी दलितों को एक बार फिर से अपनी तरफ लाने के लिए "जय जवाहर जय भीम" के नाम से जनसंपर्क अभियान चला रही है.

कांग्रेस चलाएगी जागरूकता अभियान.

दूसरी ओर बीजेपी भी मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए अति पिछड़ा वर्ग (पसमांदा) के मुसलमानों में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. भाजपा उत्तर प्रदेश में विशेष तौर पर पसमांदा मुसलमान को अपनी तरफ करने के लिए जनसंपर्क अभियान वह कई तरह के कार्यक्रम की शुरुआत कर रखी है. वहीं कांग्रेस बीजेपी के इस प्रयास को विफल करने के लिए पसमांदा मुसलमानों को लेकर बीजेपी के रुख को उनके बीच में स्पष्ट करने में जुट गई है. कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा पसमांदा मुसलमानों के बीच में बीजेपी के द्वारा पसमांदा मुसलमानों के लिए किए जा रहे काम वह विशेष तौर पर उनके आरक्षण को लेकर कही गई चीजों को उनके सामने रख रही है. कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग का कहना है कि पसमांदा मुसलमानों को लेकर बीजेपी लगातार झूठे वादे करते आ रही है.

पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर बीजेपी केवल भ्रम फैला रही. प्रतीकात्मक फोटो


कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम का कहना है कि बीजेपी पसमांदा मुस्लिम समाज को जोड़ने की बात कहती है, पर सड़क और कोर्ट में उसका रुख अलग अलग है. बीजेपी को अगर सही में अति पिछड़ा वर्ग (पसमांदा) के मुसलमानों कुछ भी कहना और सुनना है तो उसे सबसे पहले दादरी के अखलाक के घर जाना चाहिए जिस की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. इसके अलावा बिलकिस बानो को भी न्याय दिलाने की बात करनी होगी. जिसके साथ सामूहिक दुराचार किया गया और उसके परिवार सहित मोहल्ले के 14 लोगों की हत्या कर दी गई. यह दोनों ही लोग पसमांदा मुसलमान हैं.

पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर बीजेपी केवल भ्रम फैला रही. प्रतीकात्मक फोटो



शाहनवाज आलम ने बताया कि 9 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में अपील की भाजपा सरकार ने याचिका दाखिल कर पसमांदा मुसलमानों के लंबे समय से आरक्षण की मांग को गैर वाजिद बताया है. क्यों सरकार ने जो मुकदमा दाखिल किया है उसमें कहा है कि मुसलमानों में कोई भी व्यक्ति पिछड़ा या गरीब नहीं है. लोगों ने मुस्लिम व ईसाई धर्म इसीलिए अपनाया था कि उन्हें वहां ऊंच-नीच और जात-पात के भेदभाव का सामना न करना पड़े. ऐसे में उनकी मांग है कि उन्हें भी हिंदुओं में जो ओबीसी समाज है उसकी तरह आरक्षण दिया जाए यह गलत है. भाजपा सरकार में जब खुद हिंदू धर्म के ओबीसी वर्ग में आने वाले लोगों के हक सुरक्षित नहीं है तो वह मुसलमान को कैसे सुरक्षित रखेंगे. हम भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे इस भ्रम को लेकर मुसलमान समाज में जाकर लोगों को उनके इस दोहरे रूप के बारे में बता रहे हैं.

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