लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की परीक्षा 16 फरवरी से शुरू हो रही है. जिला स्तर पर डीआईओएस कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन तक तैयारी में जुटा है, लेकिन विद्यार्थी तनाव में हैं, क्योंकि कोर्स पूरा हुआ ही नहीं है. परीक्षा भी मार्च की जगह फरवरी में कराई जा रही है. विद्यार्थियों पर दबाव है कि उन्हें परीक्षा देनी है.
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा मार्च में होती रही है. उसके शैक्षिक कैलेंडर में भी इसकी व्यवस्था की जाती है. इस बार यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा मार्च की जगह फरवरी में कराए जाने का अचानक माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने ऐलान कर दिया है. प्री-बोर्ड की परीक्षा के लिए भी बच्चे तैयार नहीं थे, लेकिन अचानक उसकी भी तिथि बोर्ड ने जारी कर दी. जिसको पांच दिन में पूरी परीक्षा कराने का निर्देश दिया है, जबकि यह संभव नहीं था. जैसे तैसे स्कूलों ने प्री-बोर्ड की परीक्षा कराई. इसके अलावा जनवरी में प्रैक्ट्रिकल की परीक्षा कराई गई. इसके बीच ही स्कूलों ने आनन-फानन में अतिरिक्त कक्षाएं करानी शुरू कर दी. विद्यार्थियों का कहना है कि 'कोर्स केवल कागज पर पूरा हुआ है. शिक्षकों ने एक-एक दिन में कई-कई पाठ एक साथ पढ़ा दिए. केवल उन्होंने पढ़ाने के नाम पर बच्चों को यह बताया कि 'किस पाठ से कौन से सवाल पढ़ना.'
वहीं शिक्षक संघ की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर लगातार शिकायतें की जा रही हैं. विद्यार्थी कोर्स अधूरा होने की शिकायतें कर रहे हैं. राजाजीपुरम की हाईस्कूल की छात्रा पूजा का कहना है कि 'हिन्दी में कम पढ़ाई हुई है, पहला पेपर हिन्दी का ही है.' आलमबाग निवासी हाईस्कूल के ही छात्र अभिनव और गोमती नगर के निखिल तिवारी का कहना है कि 'सर्दी के कारण स्कूल अधिकांश समय बंद रहे. ऐसे में किसी भी विषय का कोर्स पूरा नहीं हुआ है. जल्दी-जल्दी पढ़ाया जा रहा है. केवल सामाजिक विज्ञान में रिविजन चल रहा है.' तेलीबाग के छात्र सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि 'साइंस हो या काॅमर्स हर किसी में कोर्स मात्र 60 से 70 फीसदी कोर्स ही पूरा हुआ है. परीक्षा में मात्र 10 दिन बचे है, अभी तक पढ़ाई चल रही है.' चिनहट की रूचि वर्मा ने भी बताया कि 'कोर्स पूरा नहीं हुआ है. शिक्षकों ने बता दिया है कि कौन-कौन से प्रश्न पढ़ना जरूरी है.' कोर्स को लेकर प्रधानाचार्य भी मानते हैं जो कोर्स पहले सप्ताह तक हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए था, वह अब जाकर पूरा हुआ है. उनका कहना है कि 'परीक्षा को लेकर असमंजस बना हुआ था और सर्दी में स्कूल बंद होने से यह परिस्थिति पैदा हुई है.'