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योगी सरकार के चार साल पूरे, देखिए ये रिपोर्ट...

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Published : Mar 17, 2021, 1:21 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 7:28 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के चार साल पूरे कर लिए है. इन चार सालों में बीजेपी की सरकार ने कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई फैसले लिए. इसके अलावा कई नए कानून भी बने. धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून पर विपक्ष ने सवाल भी उठाया. ताबड़तोड़ एनकाउंटर पर भी विपक्ष ने योगी सरकार को कठघरे में रखने में कोशिश की. मगर सरकार का दावा है कि उसने जनता के हित में फैसले लिए.

योगी सरकार के चार साल पूरे
योगी सरकार के चार साल पूरे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 19 मार्च को चार साल पूरे कर लेगी. इस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना था. सरकार ने अपराधियों के खिलाफ जमकर डंडा भी चलाया. पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, पिछले चार साल में बदमाशों के साथ पुलिस की 7,791 बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 135 अपराधी ढेर हो गए. इनमें से कई मुठभेड़ों को लेकर यूपी पुलिस भी सवालों के घेरे में भी आई.

योगी सरकार के चार साल पूरे

अपराधियों पर हुई कार्रवाई

यूपी में अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, अशरफ, मुबारक खान, धनंजय सिंह सहित तमाम ऐसे नाम हैं, जो प्रदेश के बाहुबलियों में गिने जाते रहे. 2002 से 2017 के बीच प्रदेश के सूबेदार बदलते रहे, मगर बाहुबलियों की तूती बोलती रही. योगी सरकार के कार्यकाल में भी इन बाहुबलियों के नाम की चर्चा होती रही . फर्क यह है कि अब ये सभी कानून के निशाने पर हैं. योगी सरकार ने माफिया और गैंगस्टर की लगभग 950 करोड़ रुपये की संपत्ति न सिर्फ जब्त कराई, बल्कि उनकी अवैध इमारतों पर बुल्डोजर चलवाया. प्रदेश के चिन्हित टॉप 25 अपराधियों में 24 जेल में बंद हैं.

नए कानून बनाकर दिया कड़ा संदेश

योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून और उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून बनाकर देश भर में चर्चा में आई. दरअसल, चार वर्ष में एक भी दंगा न होने देने को सरकार अपनी उपलब्धि मानती है. मगर जब सीएए-एनआरसी के विरोध में जब हिंसक प्रदर्शन हुए तो दंगाइयों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इस पर योगी सरकार ने सरकारी क्षति की वसूली का कानून बनाकर आंखें तरेर दीं. शोहदों के पीछे एंटी रोमियो स्क्वॉयड लगाने वाली प्रदेश सरकार ने जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कानून बनाया. हालांकि विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून की विपक्ष ने जबर्दस्त आलोचना की.

मुठभेड़ में ढेर 135 अपराधी

अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि योगी आदित्यनाथ शासनकाल में 20 मार्च 2017 से नौ मार्च 2021 के बीच पुलिस और अपराधियों के बीच 7,791 मुठभेड़ हुईं. इनमें पुलिस की गोली लगने से 135 अपराधी मारे गए, जबकि 3,039 घायल हुए. मुठभेड़ में 16,661 अपराधी गिरफ्तार हुए. हालांकि मुठभेड़ के दौरान सीओ समेत 13 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए और 1100 पुलिसकर्मी जख्मी हुए. कानपुर के बिकरू कांड योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया.

रिपोर्ट

महिला सुरक्षा का रखा ध्यान

महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए सरकार ने पहले एंटी रोमियो स्क्वॉयड बनाया. 218 पॉक्सो कोर्ट बनाई गईं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति शुरू किया, जिसके तहत 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई हैं. मगर इस बीच उन्नाव, हाथरस, अलीगढ़, बदायूं और कानपुर सजेती में गैंगरेप की घटनाओं ने योगी सरकार की जमकर किरकिरी कराई.

जर्जर आवास और बैरक को सुधारने की चलाई मुहिम

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी पुलिस का न सिर्फ इकबाल बढ़ाया, बल्कि संसाधनों के लिए खजाना भी खोला. दिन-रात ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों का हाल देखने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचे. उनके जर्जर आवास और बैरक को देखने के बाद उन्हें सुधारने की मुहिम शुरू की.

बेरोजगारों के लिए खोली भर्तियां

योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 1,37,640 पदों पर नई भर्तियां कीं. 59 नए थाने और 28 पुलिस चौकियां, चार नए महिला थाने की स्थापना की गई. इसके अलावा 40 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, 10 नए सतर्कता अधिष्ठान, 16 नए साइबर क्राइम थाने, 69 नए अग्निशमन केंद्र और हर जिले में एक-एक विद्युत निरोधक पुलिस थाना. ट्रांजिस्ट हॉस्टल व बैरक समेत 577 आवासीय निर्माण का काम पूरा कराया.

अपराधियों पर शिकंजा कसने का दावा

वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के बीच गैंगस्टर एक्ट के 12,032 मुकदमे और 37,511 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई. सरकार का दावा है कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2020 में संगीन अपराधों में कमी दर्ज की गई. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, लूट में करीब 66 फीसद, हत्या में करीब 19 और दुष्कर्म की घटनाओं में 45 फीसद से अधिक कमी दर्ज की गई है. क्राइम कंट्रोल करने के दावों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला किया.

भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए अफसरों पर कार्रवाई

योगी सरकार ने आईपीएस अफसरों के कामकाज को लेकर विवादों में रहे 8 आईपीएस अफसरों को निलंबित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश दिया था. अब 8 में से तीन अफसरों का निलंबन खत्म हो गया है, लेकिन बचे 5 निलंबित आईपीएस अफसर गंभीर मामलों में लिप्त पाए गए हैं.

इन अफसरों पर हुई कार्रवाई

  • दस्तावेज लीक करने के आरोप में नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्णा को निलंबित किया गया.
  • नये आईपीएस विक्रांत वीर को हाथरस में दलित युवती के बलात्कार-हत्याकांड के बाद निलंबित कर दिया गया.
  • कोरोना पीड़ित को घर में रखने के आरोप में आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज हुए निलंबित.
  • बिकरू कांड में विकास दुबे के खजांची जय वाजपेई के साथ फोटो वायरल होने पर DIG रैंक के अनंत देव हुए निलंबित.
  • आईपीएस दिनेश चंद्र दुबे को पशुधन विभाग में ठगी के मामले में निलंबित किया गया.
  • आईपीएस अभिषेक दीक्षित को ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे खाने के आरोप मे निलंबित किया गया.
  • भ्रष्टाचार में निलंबित मणिलाल पाटीदार पर सरकार के इनाम घोषित किया.
  • विवादास्पद बयान के चलते ADG रैंक के जसवीर सिंह हुए निलंबित.
Last Updated : Mar 17, 2021, 7:28 PM IST

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