लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 19 मार्च को चार साल पूरे कर लेगी. इस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना था. सरकार ने अपराधियों के खिलाफ जमकर डंडा भी चलाया. पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, पिछले चार साल में बदमाशों के साथ पुलिस की 7,791 बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 135 अपराधी ढेर हो गए. इनमें से कई मुठभेड़ों को लेकर यूपी पुलिस भी सवालों के घेरे में भी आई.
अपराधियों पर हुई कार्रवाई
यूपी में अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, अशरफ, मुबारक खान, धनंजय सिंह सहित तमाम ऐसे नाम हैं, जो प्रदेश के बाहुबलियों में गिने जाते रहे. 2002 से 2017 के बीच प्रदेश के सूबेदार बदलते रहे, मगर बाहुबलियों की तूती बोलती रही. योगी सरकार के कार्यकाल में भी इन बाहुबलियों के नाम की चर्चा होती रही . फर्क यह है कि अब ये सभी कानून के निशाने पर हैं. योगी सरकार ने माफिया और गैंगस्टर की लगभग 950 करोड़ रुपये की संपत्ति न सिर्फ जब्त कराई, बल्कि उनकी अवैध इमारतों पर बुल्डोजर चलवाया. प्रदेश के चिन्हित टॉप 25 अपराधियों में 24 जेल में बंद हैं.
नए कानून बनाकर दिया कड़ा संदेश
योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून और उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून बनाकर देश भर में चर्चा में आई. दरअसल, चार वर्ष में एक भी दंगा न होने देने को सरकार अपनी उपलब्धि मानती है. मगर जब सीएए-एनआरसी के विरोध में जब हिंसक प्रदर्शन हुए तो दंगाइयों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इस पर योगी सरकार ने सरकारी क्षति की वसूली का कानून बनाकर आंखें तरेर दीं. शोहदों के पीछे एंटी रोमियो स्क्वॉयड लगाने वाली प्रदेश सरकार ने जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कानून बनाया. हालांकि विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून की विपक्ष ने जबर्दस्त आलोचना की.
मुठभेड़ में ढेर 135 अपराधी
अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि योगी आदित्यनाथ शासनकाल में 20 मार्च 2017 से नौ मार्च 2021 के बीच पुलिस और अपराधियों के बीच 7,791 मुठभेड़ हुईं. इनमें पुलिस की गोली लगने से 135 अपराधी मारे गए, जबकि 3,039 घायल हुए. मुठभेड़ में 16,661 अपराधी गिरफ्तार हुए. हालांकि मुठभेड़ के दौरान सीओ समेत 13 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए और 1100 पुलिसकर्मी जख्मी हुए. कानपुर के बिकरू कांड योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया.
महिला सुरक्षा का रखा ध्यान
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए सरकार ने पहले एंटी रोमियो स्क्वॉयड बनाया. 218 पॉक्सो कोर्ट बनाई गईं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति शुरू किया, जिसके तहत 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई हैं. मगर इस बीच उन्नाव, हाथरस, अलीगढ़, बदायूं और कानपुर सजेती में गैंगरेप की घटनाओं ने योगी सरकार की जमकर किरकिरी कराई.