लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के साथ ही शुक्रवार को विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार सात मार्च तक विधानसभा चलनी थी, लेकिन तय समय से पहले ही विधानसभा स्थगित हो गई. इस पर विपक्ष ने नाराजगी जताई और इसे अलोकतांत्रिक करार दिया. वहीं सपा के सदस्य मुंह पर पट्टी बांध कर सीएम के भाषण के दौरान सदन में मौजूद रहे. स्थगन के बाद भी विपक्षी सदस्य मंडप में ही धरने पर बैठे रहे.
सीएम योगी ने बजट सत्र के अंतिम दिन बोलते हुए कहा कि हम बजट सत्र को चलाना चाहते हैं और हमने चलाया भी है. साथ ही कहा कि गांधी जयंती और संविधान दिवस पर विशेष चर्चा हुई. सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष को सरकार पर सदन नहीं चलाने का आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है. साथ ही विपक्ष को अपनी सरकार के दौरान चले सत्र की समयावधि पर नजर डालना चाहिए.
जानिए भाषण के दौरान सीएम योगी ने क्या कहा
सीएम योगी ने कहा कि सतत् विकास पर सदन में चर्चा हुई थी. सबने सराहा था, जो लोग नहीं आए, उन्हें पश्चाताप हो रहा है. उन्होंने ने कहा विधायक निधि पर एक सर्वदलीय नेताओं की कमेटी बननी चाहिए. साथ ही कहा कि पहले विकास के मायने कुछ और थे और अब कुछ और हैं. यह कमेटी विस्तार से चर्चा कर ऐसे प्रस्ताव लाए, जिससे विधायक सम्मानजनक तरीके से ला सकें. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो प्रत्येक विधायक 50 से 100 करोड़ का काम अपने क्षेत्र में कराकर जाएंगे, तो कुछ बताने की स्थिति में रहेंगे.
सीएम योगी ने 3 करोड़ विधायक निधि करने का रखा प्रस्ताव
सीएम योगी ने कहा कि विधायकों के वेतन के बारे में वित्त मंत्री की अध्यक्षता भी कमेटी बननी चाहिए. अगर नेता विरोधी दल सहमत हों, तो यह कदम उठाया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने तीन करोड़ रुपये विधायक निधि करने का प्रस्ताव सदन में रखा. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सभी भाजपा के विधायकों के कामकाज उपलब्धियों को लेकर पुस्तिका का प्रकाशन करवाने जा रहे हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही कहा कि विपक्ष के सदस्य भी चाहें तो अपनी उपलब्धियों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करा दें, तो 15 मार्च तक पुस्तिका छपवा कर उपलब्ध करा दी जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन की कार्यवाही बहुत ही अच्छे तरीके से चली. सभी सदस्य ने हिस्सा भी लिया. साथ ही विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा से कार्य किया. इसके लिए ऐसे कर्मचारियों को पुरस्कार स्वरूप 11-11 हजार रुपये दिए जाने का प्रस्ताव सदन में रखता हूं. वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया, जिन्होंने सदन चलाने में सहयोग किया.