उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सरकारी व गैर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के दो आरोपी गिरफ्तार

बेरोजगार युवाओं को कभी सरकारी तो कभी गैर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले दो आरोपियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ के अनुसार दोनों आरोपियों पर गोमतीनगर थाने में मुकदमे दर्ज थे और वह फरार चल रहे थे.

सरकारी व गैर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के दो आरोपी गिरफ्तार
सरकारी व गैर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के दो आरोपी गिरफ्तार

By

Published : Jul 14, 2021, 10:33 PM IST

लखनऊ :राजधानी के गोमतीनगर थाना क्षेत्र में बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले फरार चल रहे दो आरोपियों को बुधवार शाम एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया.

पकड़े गए आरोपी एसएसबी, एफसीआई, रेलवे एवं एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे. बेरोजगारों से इन्होंने लाखों की ठगी की. दोनों आरोपियों के खिलाफ गोमतीनगर पुलिस ने जरूरी विधिक कार्रवाई कर इन्हें जेल भेज दिया है.

एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विगत कुछ दिनों से लखनऊ एवं इसके आसपास के जनपदों में एसएसबी, एफसीआई, रेलवे एवं एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी.

इस मामले पर गोमतीनगर थाने में भी मुकदमा दर्ज था. कहा एसटीएफ की टीम ने अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय कर इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया.

यह भी पढ़ें :नोएडा में फिल्म सिटी बनने से खुश नहीं 'और भई क्या चल रहा है' के एक्टर, कही ये बात

इसी बीच बुधवार को मुखबिर ने सूचना दी कि एक युवक अंकित कटिहार अपने मित्र के साथ हुसडिया चौराहा पर जनेश्वर मिश्र पार्क की ओर जाने वाले रास्ते पर खड़ा है. उसने बेरोजगार युवकों को बुलाया है. उनसे नौकरी दिलाने के नाम पर बातचीत करने वाला है.

इस सूचना पर उन्होंने टीम को मौके पर भेजा. मुखबिर ने इशारा कर आरोपियों की पहचान करा दी. इसके तुरंत बाद आरोपी युवकों की घेराबंदी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गोमती नगर थाने में दर्ज मुकदमे में फरार चल रहे अंकित कटियार और ब्रजेंद्र तिवारी के रूप में हुई. इसके बाद दोनों आरोपियों को गोमतीनगर थाने में लाया गया जहां विधिक कार्रवाई की गयी.

विज्ञापन के माध्यम से अभ्यर्थियों से की जाती थी ठगी

एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक की मानें तो गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ एवं इनसे प्राप्त कूटरचित अभिलेखों से पाया गया कि यह लोग इंटरनेट पर सरकारी नौकरी की वेबसाइट चेक करते रहते थे.

साथ ही इन लोगों द्वारा यह पता लगाया जाता था कि किन सरकारी विभाग व गैर सरकारी विभागों में भर्तियां निकली हैं. भर्तियों का विज्ञापन निकलने के बाद इन लोगों द्वारा इच्छुक अभ्यर्थियों को मेल भेजकर फॉर्म भरने को कहा जाता था.

अभ्यर्थियों द्वारा संबंधित विभाग के विज्ञापन के अनुसार फॉर्म भरा जाता था. साथ ही इन्हें भर्ती करवा देने का झांसा देकर युवकों से विभाग के अनुसार पैसे की मांग की जाती थी.

वहीं, आरोपियों द्वारा एडवांस के रूप में कुछ पैसा मिलने के बाद अभ्यार्थियों को पूर्व से तैयार किए गए फर्जी जॉइनिंग लेटर दे दिए जाते थे. इन आरोपियों द्वारा यह भी बताया गया कि अब तक इन लोगों ने लगभग 15 से 20 लोगों के साथ इस प्रकार की ठगी की है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details