लखनऊ:केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में शुरू हुई दो दिवसीय बैंक हड़ताल के पहले दिन राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक असर देखने को मिला. राजधानी लखनऊ के तमाम इलाकों में बैंक की शाखाएं बंद रही तो बैंक के एटीएम में भी नकदी का संकट लोगों को परेशान करता रहा. हड़ताल के पहले दिन बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी लखनऊ में करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का लेनदेन प्रभावित हुआ तो वहीं पूरे उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो करीब 30 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय लेनदेन प्रभावित हुआ है.
राजनीतिक घरानों ने बैंकों को लूटा है
दस लाख से अधिक बैंककर्मियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको को निजीकरण करने की केन्द्र सरकार के प्रयासों के विरोध में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आवाह्न किया था, जिसके पहले दिन स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय के सम्मुख विशाल सभा आयोजित की गई. जिसमें बड़ी संख्या में बैंककर्मियों ने जोरदार सभा एवं प्रर्दशन किया. सभा में एनसीबीई (नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज) के प्रदेश महामंत्री केके सिंह ने बताया कि बड़े औद्यौगिक घरानों ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर बैंको को खूब लूटा है, आज बैंकों के कुप्रबन्धन के चलते अनेक घोटाले उजागर हो रहे हैं, इस स्थिति के लिये बैंककर्मी नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव जिम्मेदार है.