उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

तेज हुई निकाय चुनाव की हलचल, दावेदार टिकट की जोड़-तोड़ में जुटे

निकाय चुनाव के लिए वार्डों का आरक्षण जारी होते ही प्रमुख दलों से टिकट चाहने वालों ने भागदौड़ और पेशबंदी तेज कर दी है. पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर भाजपा मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. ऐसे में भाजपा के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है. वहीं दूसरे नंबर पर मानी जा रही सपा के खेमे में भी दावेदारों की हलचल है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण...

By

Published : Dec 5, 2022, 4:30 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ :निकाय चुनाव के लिए वार्डों का आरक्षण जारी होते ही प्रमुख दलों से टिकट चाहने वालों ने भागदौड़ और पेशबंदी तेज कर दी है. इस बार निकाय चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का टिकट चाहने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को माना जा रहा है. सपा और कांग्रेस इस पर निकाय चुनाव को लेकर खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है. शायद विगत विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों के प्रदर्शन से लोग निराश हैं और उन्हें नहीं लगता कि यह पार्टियां जिताऊ हो सकती हैं. चूंकि इन निकाय चुनाव को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इसलिए सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से चुनाव लड़ कर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं, ताकि वह बता सकें कि जनता का रुझान उनके पक्ष में है. इसी चुनाव से लोकसभा चुनावों के लिए माहौल भी बनेगा.

प्रदेश में लगभग साढ़े साल से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सबसे ज्यादा टिकटार्थियों को अपनी ओर आकर्षित किया है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का संगठन बहुत मजबूत है और यह दल सुसंगत तरीके से बाकायदा जमीनी स्तर पर वार्ड वार समीक्षा कराने के बाद ही टिकट वितरण का काम करता है. इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं और टिकट चाहने वालों में सबसे ज्यादा हलचल है. पार्टी में कोई एक व्यक्ति ही टिकट वितरण के लिए जिम्मेदार नहीं होता, यहां सामूहिक नेतृत्व काम करता है. अभी मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण होना शेष है. उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द ही यह आरक्षण भी जारी कर दिया जाएगा. स्वाभाविक है कि नगर निकाय के शीर्ष पदों के लिए प्रत्याशी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

निकाय चुनाव के लिए वार्डों का आरक्षण जारी .

समाजवादी पार्टी का पूरा नेतृत्व मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में व्यस्त था. इस सीट के लिए आज मतदान हो रहा है. समाजवादी पार्टी से यहां अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं. यही कारण है कि उप चुनाव की घोषणा होने के बाद से लगातार अखिलेश यादव समेत पार्टी के सभी बड़े नेता मैनपुरी में डेरा जमाए रहे. उपचुनाव के लिए आज मतदान संपन्न होते ही पार्टी नेतृत्व निकाय चुनाव के लिए टिकट वितरण में जुटेगा. मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए दावेदारों को पार्टी मुख्यालय के चक्कर लगाते कभी भी देखा जा सकता है. मुख्य विपक्षी दल होने के कारण समाजवादी पार्टी में भी टिकटों के दावेदारों की खासी संख्या है. विगत विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की कड़ी पराजय का एक कारण नेतृत्व से टिकट वितरण में हुई गलती को भी माना जा रहा था. कई ऐसी सीटें थीं, जहां जिताऊ उम्मीदवार के बजाय किसी और को टिकट दे दिया गया और पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा. इसलिए इस चुनाव में देखना होगा कि सपा पुरानी गलतियां दोहराती है, अथवा अतीत से सबक लेकर सुधार करती है.

निकाय चुनाव में जीत के लिए बनाई जा रही रणनीति.

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बसपा का प्रदर्शन सबसे खराब रहा था. कांग्रेस दो तो बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब हो सकी थी. अब विधान परिषद में दोनों ही दलों का नेतृत्व नहीं रहा है. स्वाभाविक है कि दोनों दलों के नेतृत्व में निराशा होगी. कार्यकर्ताओं में भी जोश रखने की चुनौती है. बसपा चुनाव के लिए अपने कैडर स्तर पर तैयारी जरूर कर रही है. हालांकि जमीनी स्तर पर उसकी कोई तैयारी दिखाई नहीं देती. ऐसे में कहना कठिन है कि वह निकाय चुनाव में कोई चमत्कार दिखा पाएगी. दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस को हाल ही में नेतृत्व मिल गया है. नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ क्षेत्रीय अध्यक्षों ने भी कार्यभार संभाला है. उन्हें जिम्मेदारी संभालते ही इस चुनाव में उतरना पड़ेगा. अब देखना है कि नए अध्यक्ष और क्षेत्रीय अध्यक्ष मिलकर संगठन को कितना मजबूत बना पाते हैं. आज की स्थिति में कांग्रेस और बसपा में टिकटार्थियों का ही टोटा है. जो भी हो, लोकसभा चुनाव में सफलता की उम्मीद रखने वाले दलों को इन निकाय चुनावों में अपनी ताकत दिखानी होगी. जो दल पीछे रह जाएंगे उनके लिए लोकसभा चुनावों से बड़ी उम्मीद रखना बेमानी ही होगा.

यह भी पढ़ें : निकाय चुनाव से पहले महिलाओं में नेता बनने का क्रेज़ बढ़ा, बीजेपी दफ्तर में लगी बायोडाटा की झड़ी

ABOUT THE AUTHOR

...view details