लखनऊ: भारत की जनता आधिकारिक रूप से चुनाव में 5 साल के लिए सरकार चुनती है. परंतु राजनीति में कुछ भी टिकाऊ नहीं है, इसलिए प्रचंड बहुमत की सरकार भी कई बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाती. 1970 से 1989 के बीच उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकारों ने भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. 20 वर्षों में चार नेताओं ने सीएम की कुर्सी संभाली, जिनमें नारायण दत्त तिवारी ने तीन बार सीएम की शपथ ली. यानी 20 वर्षों में कांग्रेस की 6 सरकार बनीं.
बदलते समय में मंडल और राम जन्मभूमि आंदोलन के कारण राजनीति ने करवट तो ली, मगर टिकाऊ सरकार के लिए यूपी को 2007 का इंतजार करना पड़ा, जब बसपा को पूर्ण बहुमत मिला और मायावती ने तीसरी बार प्रदेश की कमान संभाली.
बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री हैं योगी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई सरकारों ने निर्बाध रूप से अपने 5 साल के कार्यकाल को पूरा किया है. पिछले डेढ दशक में इसके उदाहरण समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और बसपा की मायावती की सरकार हैं. इससे पहले 50 के दशक में सम्पूर्णानंद ही ऐसे नेता रहे, जो 28 दिसंबर 1954 से 6 दिसंबर 1960 तक लगातार 5 वर्ष 344 दिनों तक मुख्यमंत्री बने रहे. मगर बीजेपी के साथ ऐसा नहीं रहा. कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, रामप्रकाश गुप्त ने सरकार तो बनाई मगर वे अपना कार्यकाल कभी पूरा नहीं कर सके. इनकी सरकारें 3 साल से कम चलीं. शायद यही कारण है कि बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 3 साल के कार्यकाल को खास बना दिया.