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लखनऊ वालों ने साल भर में खूब तोड़ा ये सिग्नल, सबसे ज्यादा कटे चालान

नवाबों के शहर लखनऊ में ट्रैफिक नियमों का खूब उल्लंघन हो रहा है. एक साल में कटे चालानों की संख्या इसे बयां कर रहीं हैं. चलिए जानते हैं लखनऊ में आखिर एक साल में कितने चालान कटे और सर्वाधिक चालान किस वजह से हुए.

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Published : Apr 23, 2022, 4:01 PM IST

लखनऊ वालों ने साल भर में खूब तोड़ा ये सिग्नल, सबसे ज्यादा कटे चालान
लखनऊ वालों ने साल भर में खूब तोड़ा ये सिग्नल, सबसे ज्यादा कटे चालान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे नवाबों का शहर कहते हैं वहां के लोग जितना खाने-पीने में नवाबी शौक रखते है उतना ही नियमों को तोड़ने में भी. नियम चाहे कहीं भी थूक देने का हो या फिर ट्रैफिक नियम तोड़ने का. 20 सेकेंड का इंतजार भी यहां के नवाबों को मंजूर नही है. बीते 8 महीनों में ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर लखनऊ वालों के जमकर चालान कटे हैं.


लखनऊ में 540 चौराहे हैं, जिनमे 132 चौराहों पर 700 सीसीटीवी कैमरे से वाहनों पर नजर रखी जा रही है. इन चौराहों पर जैसे ही कोई वाहन ट्रैफिक नियम तोड़ता है, उसका चालान कट जाता है. फिर चाहे बिना हेलमेट हो या फिर ओवर स्पीड हो. यातायात पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक बीते 8 महीने में रेड सिग्नल जंप करने के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. रेड सिग्नल तोड़ने वाले वाहनों की संख्या 72 लाख से भी अधिक है. इसके बाद स्टॉप लाइन क्रॉस करने के है जो करीब 67 लाख चालान है.

लखनऊ वालों ने साल भर में खूब तोड़ा ये सिग्नल.
बीते आठ माह में कटे चालान
रेड लाइट जंप : 72,088,89
जेब्रा लाइन क्रॉस : 67,453,35
ओवर स्पीड : 24,728,32
बिना हेलमेट: 10,207,75
गलत साइड : 29,929,27
तीन सवारी : 14,375

आठ महीनों में कटे कुल चालान

  • अगस्त 2021: 2408887
  • सितम्बर 2021 : 2523977
  • अक्टूबर 2021: 2388079
  • नवंबर 2021: 29,010,42
  • दिसम्बर 2021: 32,385,30
  • जनवरी 2022: 30,234,42
  • फरवरी 2022: 31,386,87
  • मार्च 2022: 32,427,46



लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के ADCP ट्रैफिक एसके सिंह का कहना है कि लोगों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है. उसके बावजूद लोग ट्रैफिक नियम तोड़े जा रहे है. कुछ गलतियां सड़कों पर अन्य विभागों ने भी की है जैसे स्टॉप लाइन ठीक से न दिखने की, उसे ठीक कराया जा रहा है. एसके सिंह कहते है लखनऊ के लोग अगर रेड लाइट पर रुक भी जाते है तो उन्हें कहां रुकना है ये मालूम ही नही है.


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