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फर्जी प्रमाणपत्रों से हड़प रहे थे योजनाओं की रकम, इतने का लगा चुके चूना - हड़प रहे थे योजनाओं की रकमट

यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग के सरगना समेत दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपी दिव्यांगों का वजीफा, छात्रवृत्ति, फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे. छात्रों के वजीफा और प्रमाण पत्र बनाने वाले जालसाज गैंग का मास्टर माइंड संजय कुमार यादव है.

पुलिस गिरफ्त में आए धोखाधड़ी के आरोपी.
पुलिस गिरफ्त में आए धोखाधड़ी के आरोपी.

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Published : Jan 18, 2021, 6:05 AM IST

लखनऊ: यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग के सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपी दिव्यांगों का वजीफा, छात्रवृत्ति, फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे. छात्रों के वजीफा और प्रमाण पत्र बनाने वाले जालसाज गैंग का मास्टर माइंड संजय कुमार यादव है. एसटीएफ ने उसे और उसके दो साथियों रवि कुमार यादव और कोतवाली नगर के मीराखेलपुरा निवासी अफजल वसीम खान को गिरफ्तार किया है. लखनऊ एसटीएफ ने इन जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. एसटीएफ इस गिरोह के तीन अन्य साथियों की तलाश कर रही है. गिरफ्तार आरोपियों को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया. वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र से हासिल करते थे मोटी रकम
देहात कोतवाली के नगर गांव निवासी संजय कुमार यादव इसी गांव के मुंसरा देवी उषा इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं. वह अपने पांच अन्य साथियों के साथ ठगी करता था. इन जालसाजों ने दिव्यांगों के नाम से फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर ऑनलाइन फार्म भरकर रकम हड़पते थे और उसे आपस में बांट लिया करते थे. यह गिरोह छात्र-छात्राओं के नाम से फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर ऑनलाइन फार्म भरता था. इससे यह गिरोह लोगों के बैंकों में खाते खुलवाता था. इसके बाद फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र तैयार कर पैसे निकाल लेते थे.

धोखाधड़ी कर पैसा हासिल कर आपस में बांट लेते थे आरोपी
एसटीएफ ने बताया जालसाजों का यह गिरोह दिव्यांगों का प्रमाण पत्र खुद ही तैयार करता था. इसके लिए बहराइच और श्रावस्ती के सीएमओ की फर्जी मुहर लगाई जाती थी. जालसाज इन फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए वजीफे के लिए आनलाइन आवेदन करते थे. इस गिरोह के फरार तीन अन्य साथी बैंकों के बीसी केन्द्र पर खाते खुलवाते थे. खातों में ऑनलाइन पैसा आने के बाद गिरोह के सदस्य बीसी केन्द्र से ही वजीफे की रकम को निकालकर आपस में बांट लेते थे. छात्र-छात्राओं के नाम से आने वाली छात्रवृत्ति को हड़पने के लिए भी ये ही तरीका अपनाया जाता था. यह गिरोह हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र तैयार किया करता था.

सरकार के करोड़ों रुपये हपड़ने की आशंका
एसटीएफ ने बताया है कि इस जालसाज गिरोह ने एक ही नम्बर के आधार कार्ड दो या तीन अलग-अलग नाम से बनवाए और उनसे फर्जीवाड़ा किया. आशंका जताई जा रही है इस गिरोह ने सरकार के करोड़ों रुपये धोखाधड़ी कर हड़पे हैं. मुंसरा देवी उषा इंटर कॉलेज की आड़ में यह गिरोह गोरखधंधा कर रहा था. यह इंटर कॉलेज वित्त विहीन मान्यता प्राप्त है.


जालसाजों के पास से यह हुआ बरामद

एसटीएफ लखनऊ के उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही ने बताया टीम कि मुंसरा देवी उषा इंटर कॉलेज से पकड़े गाहे जालसाजों के पास से 244 जियो, वोडा, एयरनॉर के एक्टिवेटेड सिम, 55 फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चिकित्सा और शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों की 24 मुहर, 5 एंड्रायड मोबाइल, एक लैपटॉप, एक कलर्ड प्रिंटर, 400 छात्रवृत्ति प्रमाण पत्र, कूट रचित आधार कार्ड, 12 ब्लैंक कूटरचित मार्कशीट आदि दस्तावेज बरामद किए गए हैं.

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