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फार्मासिस्ट फेडरेशन ने बजट को बताया कर्मचारियों के लिए निराशाजनक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया है. बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास के लिए 2.23 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया है. वहीं फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि बजट में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की बात कही गई है जो कि देश हित में नहीं है.

फार्मासिस्ट फेडरेशन ने बजट को बताया कर्मचारियों के लिए निराशाजनक
फार्मासिस्ट फेडरेशन ने बजट को बताया कर्मचारियों के लिए निराशाजनक

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Published : Feb 2, 2021, 8:29 AM IST

लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया है. बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास के लिए 2.23 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया है. स्वास्थ्य बजट को लेकर जहां फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने स्वास्थ्य बजट को बढ़ाए जाने को स्वागत योग बताया है, तो वहीं दूसरी ओर बजट को कर्मचारियों के लिए उदासीन करार दिया है. फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बजट की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए, जिस पर वित्त मंत्री ने कोई भी बात नहीं कही है.

निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना देश हित में नहीं
फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि बजट में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की बात कही गई है जो कि देश हित में नहीं है. निजी करण आउटसोर्सिंग की जगह स्थाई रोजगार सर्जन करने की ओर देख रहे कर्मचारियों को इस बजट से निराशा हुई है. सरकार निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर विचार कर रही है. इस बजट से महसूस किया जा रहा है. फ्रीज किए गए कर्मचारी भत्ते के संदर्भ में भी वित्त मंत्री की ओर से कुछ नहीं कहा गया है, जिसको लेकर कर्मचारियों में निराशा है.

बजट की खास बातें
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आम बजट में 75 वर्ष की आयु से अधिक को टैक्स से छूट दी गई है. हेल्थ सेक्टर में 2.23 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. रेलवे की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 1.1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. उज्जवला योजना के तहत 1 करोड़ से अधिक नए लाभार्थियों को जोड़ना है. किसानों के लिए भी बजट में खास प्रावधान किए गए हैं. एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाने की बात कही गई है, वहीं किसानों के कर्ज के लिए 16.5 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. शिक्षा बजट के तहत पूरे देश में 750 करोड़ की लागत से एकलव्य स्कूलों को स्थापित किया जाएगा. ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने के लिए 18000 करोड रुपये के प्रावधान किए गए हैं.

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