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तेजस के पैसेंजर्स चाह रहे फेयर 'लेस' फैसिलिटी 'मोर'

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दिल्ली जाने वाली देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस अपने संचालन के दो महीने पूरे करने वाली है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने इसमें सफर करने वाले यात्रियों से बातचीत की और उनके अनुभव जाने.

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तेजस के पैसेंजर्स चाह रहे फेयर 'लेस' फैसिलिटी 'मोर'.

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Published : Dec 2, 2019, 9:34 PM IST

लखनऊ: देश की पहली कॉरपोरेट तेजस एक्सप्रेस ट्रेन को पटरी पर दौड़ते हुए दो माह पूरे होने वाले हैं. इतने दिनों में तेजस से सफर करने वाले पैसेंजर्स इस ट्रेन से बखूबी वाकिफ हो चुके हैं. इस मौके पर ईटीवी भारत ने तेजस में सफर करने वाले यात्रियों से बातचीत कर उनके अनुभवों को जानने की कोशिश की. यात्रियों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि तेजस में जहां तक फैसिलिटी की बात है तो वह काफी हद तक अच्छी हैं.

तेजस जैसी ट्रेनें चलें तभी कर पाएंगें अन्य देशों से मुकाबला.

पैसेंजर्स के अनुसार, सारी सुविधाएं तो अच्छी हैं, लेकिन तेजस का किराया सूट नहीं कर रहा है. वह काफी महंगा है. 'ईटीवी भारत' से बातचीत में पैसेंजर्स ने डिमांड की है कि आईआरसीटीसी को सुविधाएं बढ़ानी चाहिए और किराए में कमी करनी चाहिए. किराया ज्यादा होने के चलते ही तेजस में सीटें खाली रह जाती हैं.

तेजस का किराया है ज्यादा

आईआरसीटीसी ने तेजस का जो किराया निर्धारित किया है वह यात्रियों को काफी ज्यादा लग रहा है. तेजस के अंदर मिलने वाली फैसिलिटी तो उन्हें रास आ रही है, लेकिन फेयर (किराया) बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा है. यात्रियों की मांग है कि आईआरसीटीसी को किराए में कमी करनी चाहिए, जिससे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो और इसका फायदा आईआरसीटीसी के साथ ही यात्रियों को भी मिले.

क्या बोले यात्री

तेजस में सफर करने वाले यात्री सर्वेश पांडेय का कहना है कि तेजस की सुविधाएं बहुत ही अच्छी और शानदार हैं. सबसे बड़ी खासियत है ऑन टाइम आना. उन्होंने बताया कि इसमें मिलने वाला नाश्ता और डिनर की क्वालिटी काफी अच्छी थी. ग्रुप मेंबर्स काफी ज्यादा डेडिकेटेड थे. हम लोग ऑन टाइम आने के लिए ही एक्स्ट्रा पैसा पे करते हैं और अगर ट्रेन ऑन टाइम नहीं आती है तो हमें इसमें मुआवजा भी मिलता है. इसमें यात्री और आईआरसीटीसी का भी फायदा है.

पता ही नहीं चला कैसे बीत गए 8 घंटे

तेजस से सफर करके दिल्ली से लखनऊ लौटीं यात्री मीनाक्षी का कहना है कि मैं तेजस में फर्स्ट टाइम ट्रैवेल कर रही हूं और सफर तो मुझे पता ही नहीं चला. नॉर्मली ट्रेन में काफी परेशानी होती है, लेकिन इसमें सफर तो पता ही नहीं चला कि कैसे 8 घंटे बीत गए. इसका स्टाफ बहुत ही अच्छे हैं. किराया कम होना चाहिए. किराया ज्यादा होने से सब लोग इसकी सुविधा नहीं उठा पा रहे हैं. किराया ज्यादा होने की वजह से सीटें भी खाली रह जाती हैं.

किराया हो कम

तेजस में सफर करने वाले ईशान से हमने उनका अनुभव जानना चाहा तो उनका कहना था कि एक्सपीरियंस काफी अच्छा रहा. फर्स्ट टाइम ट्रैवेल करके काफी अच्छा लगा. शुरुआत में आईआरसीटीसी को किराया कम कर देना चाहिए, सीटें खाली जा रही हैं. बाद में बढ़ा भी सकते हैं. अभी सीटें खाली जाने से क्या मतलब है, बाद में बढ़ा लें. थोड़ा कम कर देंगे तो स्टार्टिंग के लिए बेहतर रहेगा, यात्रियों को भी फायदा होगा.

तेजस जैसी ट्रेनें चलें तभी कर पाएंगें अन्य देशों से मुकाबला

वहीं, यात्री मयंक उपाध्याय ने बताया कि वैसे तो ट्रेन बहुत अच्छी है, लेकिन इसके स्टेयर्स बहुत अंदर की तरफ हैं. जैसे नॉर्मल ट्रेन में बाहर की तरफ होती है वैसी होनी चाहिए. स्टेयर्स थोड़ी ब्रॉड होनी चाहिए. किराया ज्यादा है, इसलिए सीटें काफी खाली थीं. किराया थोड़ा कम कर सकते हैं. आईआरसीटीसी को उसमें नुकसान न हो और यात्री भी खुश हो सके. 10 से 20 पर्सेंट अगर कम कर दें तो अच्छा रहेगा. अगर हमें बाकी देशों से कंप्टीशन्स करना है तो ऐसी ट्रेनें चलानी चाहिए.




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