सांसदों के निलंबन के विरोध में लखनऊ में प्रदर्शन. लखनऊ/अलीगढ़:सांसदों के निलंबन के विरोध में शुक्रवार को राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य तमाम जिला मुख्यालय पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने संयुक्त रूप से भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से सपा और कांग्रेस ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी सौंपे. वहीं अलीगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीत धक्कामुक्की भी हुई.
सांसदों के निलंबन के विरोध में अलीगढ़ में प्रदर्शन. सांसदों का निलंबन लोकतंत्र विरोधी :समाजवादी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कैसरबाग स्थित जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की. इस दौरान सपा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र विरोधी भाजपा सरकार सहित अन्य तमाम तरह के नारे लिखी तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन किया. इसके अलावा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में सपा और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा सांसदों को निलंबित किए गए जाने की घटना की निंदा की. कहा कि राज्यसभा में जो कुछ हो रहा है वह लोकतंत्र विरोधी है. लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन सभापति बीजेपी के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है. हमारी राष्ट्रपति से मांग है कि वह इस मामले पर हस्तक्षेप करें.
सांसदों के निलंबन के विरोध में विरोध प्रदर्शन.
जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन:उल्लेखनीय की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने प्रदेशभर में शुक्रवार को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. जिसके क्रम में राजधानी लखनऊ सहित तमाम जिलों में सपा-कांग्रेस ने संयुक्त रूप से धरना-प्रदर्शन किए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सपा के प्रदर्शन में स्थानीय विधायक प्रदेश प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा, सपा जिलाध्यक्ष जय सिंह जयन्त, फखरुल हसन चांद सहित तमाम नेता उपस्थित रहे. कांग्रेस पार्टी की तरफ से जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में तमाम कार्यकर्ता शामिल हुए. धरना प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता भी उपस्थित रहीं.
सांसदों के निलंबन के विरोध में सपा और कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन. अलीगढ़ में सपा ने घेरा कलेक्ट्रेट
सांसदों की बहाली की मांग को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट गेट पर किया प्रदर्शन. इस दौरान पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई. इसके बाद प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए थाना सिविल लाइन पुलिस फोर्स और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे. सिविल लाइन क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिंह ने कार्यकर्ताओं को कलेक्ट्रेट के गेट के सामने प्रदर्शन से रोका और उन्हें हटाने की भी कोशिश की, लेकिन सपा कार्यकर्ता सांसदों के निलंबन को लेकर मुखर रहे. समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने बताया कि लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है.
सांसदों के निलंबन के विरोध में सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन. संतकबीरनगर में सरकार के खिलाफ विपक्ष का रोड शो
यूपी के संतकबीरनगर जिले के सपाइयों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ रोड शो कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विरोध प्रदर्शन में इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया. शहर कोतवाली क्षेत्र के बाईपास चौक पर जुटे सपा, आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट तक रोड शो कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कलेक्ट्रेट पहुंच कर धरना दिया. इस दौरान सपाइयों ने केंद्र सरकार का पुतला दहन करने की कोशिश की. इसे रोकने पहुंची पुलिस से सपाइयों की तीखी नोंकझोंक भी हुई. धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक जय चौबे ने देश के इतिहास में पहली बार संसद से 142 सांसदों का रिकार्ड निलंबन अलोकतांत्रिक है. इसका विरोध तब तक होगा जब तक निलंबित सांसदों को बहाल नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अहंकारी हो चुकी है. जिसे लोकतंत्र से कोई मतलब नहीं रह गया है. जिला उपाध्यक्ष केडी यादव और युवजन सभा के पूर्व प्रदेश सचिव एखलाख अहमद ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. सांसदों का निलंबन लोकतंत्र पर हमला है और यह सरकार की तानाशाही है.
भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन विपक्षी दलों के कार्यकर्ता. भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन विपक्षी दलों के कार्यकर्ता. सांसदों का निलंबन संविधान का उल्लंघन
शाहजहांपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष तनवीर खान के नेतृत्व में पूर्व विधायकों के साथ खिरनी बाग रामलीला मैदान पहुंचे. यहां पहुंचकर तमाम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. कार्यकर्ताओं का कहना था कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन हुआ है. यह निलंबन को संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा है. तनवीर खान का कहना है कि सांसदों का निलंबन षड्यंत्र के तहत किया गया है.
अलीगढ़ में धरना प्रदर्शन करते समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता. मेरठ में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन
संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन गुरुवार (21 दिसंबर) को लोकसभा में विपक्ष के तीन और सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था. हंगामा करने के कारण इन सांसदों पर स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही की है. कांग्रेस सांसद डीके सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज को सस्पेंड किया गया है. इन्हें मिलाकर संसद से कुल 146 सांसद अब तक सस्पेंड किए जा चुके हैं. इसके विरोध में शुक्रवार को मेरठ जिलाधकारी कार्यालय पर गठबंधन दल के नेताओं और कर्मचारियों ने खूब हंगामा किया और राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन में कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वनिश काजला ने कहा कि जिस तरह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष की मिमिक्री करते हैं और लोगों का मजाक बनाया जाता है. क्या उस तरह की हरकतों को माफ कर देना चाहिए या इसी तरह का अपमान करना चाहिए. काजला ने कहा कि जिस तरह लोगों के साथ जुमलों ओर जूठे वादों का भाजपा बखान करती रहती है. वो सही नहीं है बर्दाश्त करने लायक नहीं है. इसके बावजूद इस मामले को सही से नहीं लिया गया. सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि लुटेरों की सरकार की पाॅलिसी लोगों पर अत्याचार करना ही है. भाजपा नहीं चाहती है कि किसी भी तरह की सच्चाई की बात कोई और न कह सके. भाजपा सरकार में ईमानदारी की कोई वैल्यू नहीं है. इस सरकार में सही बोलने वाले को कुछ नहीं समझा जाता है.
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आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बोले - सांसदों का निलंबन संवैधानिक नहीं, मजबूती से चुनाव लड़ेगा इंडिया गठबंधन