लखनऊ: यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार की नजर हर वर्ग पर है. लिहाजा, पहले जहां लाखो अंत्योदय कार्डधारकों को मुफ्त इलाज का तोहफा दिया गया, वहीं अब राज्यकर्मियों की वर्षों से लंबित 'कैशलेस' इलाज की मुराद पूरी होने वाली है. इसके लिए 'आयुष्मान योजना' से समस्या का तोड़ निकाला गया है.
यूपी में करीब 22 लाख राज्य कर्मचारी हैं. वहीं परिवारिक सदस्य मिलाकर 88 लाख के करीब हैं. बड़ी तादाद होने के बावजूद अभी तक इन्हें 'कैशलेस इलाज' का लाभ नहीं मिला. ऐसे में इलाज के बिलों की भरपाई के लिए कर्मियों को विभाग, अस्पताल और सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दरम्यान इलाज के बिलों में कटौती पर अक्सर विवाद छाया रहता है. लिहाजा, कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर 5 साल पहले हुंकार भरी. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2016 में कर्मियों के कैशलेस कार्ड बनवाए. मगर, इलाज के भारी बजट के अंदेशा को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब सरकार चुनाव से पहले कर्मचारियों को कैशलेस इलाज का तोहफा देने जा रही है. वित्त विभाग इसका खाका खींच रहा है. विभाग ने आयुष्मान योजना के जरिए कर्मियों के इलाज पर आने वाले भारी भरकम खर्च को हल्का करने का तोड़ निकाला है. इसके तहत कर्मचारी और उसके परिवार के सदस्य सरकारी व आयुष्मान योजना से सम्बद्ध अस्पताल में कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज करा सकेंगे.