लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी के कई जिलों में हुई हिंसा के बाद 8 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इनमें से एक फिरोजाबाद, एक कानपुर, दो बिजनौर 3 मेरठ और एक सम्भल में मौत बताई जा रही है.
वहीं, इससे पहले राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हुई हिंसा के दौरान गोली चलने के कारण मोहम्मद वकील ऑटो चालक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
लखनऊ में हुई हिंसा और आगजनी में करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 100 से अधिक लोगों को नजरबंद किया गया है. वहीं रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
शुक्रवार का दिन लखनऊ में तनावपूर्ण रहा, लेकिन कहीं पर भी विरोध प्रदर्शन और हिंसा की खबर नहीं आई.
वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल हुए थे. इसमें बहराइच और बाराबंकी के लोगों के शामिल होने के सबूत मिले हैं. वहीं हिंसा में कुछ ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी भाषा यूपी की नहीं है. आशंकाएं हैं कि ये लोग पश्चिम बंगाल के हैं. ऐसे में गिरफ्तार हिंसक प्रदर्शनकारियों के जब्त फोन की जांच की जा रही है. आखिर यूपी में हिंसा करने वाले लोग कहां-कहां से आए हैं.
डीजीपी ओपी सिंह ने आशंका जताई है कि यूपी की हिंसा के पीछे बाहरी ताकतों का हाथ है, जिसकी जांच भी की जा रही है.