लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव करीब 7 साल बाद रविवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे. समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर सपा विधायक दल की बैठक में उन्होंने सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की. अखिलेश यादव की गैरमौजूदगी में शिवपाल सिंह यादव ने विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में सभी विधायकों को हिदायत दी गई कि रामचरितमानस के विषय पर कोई भी बयानबाजी नहीं करेगा.
रामचरितमानस को लेकर सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित टिप्पणी की थी, जिसको लेकर पार्टी अब पूरी तरह से बैकफुट पर है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी खुद को शूद्र बताते हुए विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री से इस पर जवाब मांगने की बात कही थी. लेकिन, अब इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी डैमेज कंट्रोल कर रही है और रविवार को हुई बैठक में किसी भी नेता को रामचरितमानस से जुड़े विषय पर बयानबाजी न करने की हिदायत दी गई है. बैठक में मुख्य सचेतक मनोज पांडे सहित समाजवादी पार्टी के तमाम विधायक उपस्थित रहे.
दरअसल रामचरितमानस के विषय को लेकर किसी भी प्रकार के सियासी नुकसान को देखते हुए समाजवादी पार्टी अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. बैठक में जनहित से जुड़े कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार को घेरने पर चर्चा हुई. इसके साथ ही सोमवार को राज्य विधान मंडल के संयुक्त सत्र राज्यपाल के अभिभाषण का भी विरोध किए जाने पर बैठक में सहमति बनी है.