लखनऊ :लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित गोदावरी बैंक्विट हॉल में आयोजित शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन कथाचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने शिव और शक्ति की लीलाओं का वर्णन किया. उन्होंने बताया कि समाज और मनुष्य जाति के कल्याण के लिए शिव और पार्वती दूर हुए थे. ईश्वर की प्राप्ति के लिए मनुष्य को मोह माया और अहंकार छोड़ना होगा. ऐसा करने पर भी मनुष्य जाति ईश्वर को प्राप्त कर सकती है.
कथाचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने कहा कि शिव शक्ति का वियोग संभव नहीं है. यदि शिव शक्ति का वियोग होता भी है तो यह उनकी लीला का अंश मात्र है. वास्तव में शिवजी समाज कल्याण के लिए अपनी लीला रचते हैं. ताकि मनुष्य उनके द्वारा रची गई लीला को ग्रहण करे. ईश्वर मानव के कल्याण हेतु लीला रचते हैं. सती जी ने ज्ञान की प्राप्ति के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी और सती के रूप में अपनी देह का त्याग किया था. सती जी ने अगले जन्म में पार्वती जी बन कर आईं और उनको शिव जी की प्राप्ति हुई. इसलिए शिव शक्ति का वियोग संभव ही नहीं है वो अनंत काल से आने वाले अनंत काल तक एक ही रूप में निहित हैं.