लखनऊ:वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार की गुरुवार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से उत्तर प्रदेश में वापसी हो गई है. रेणुका कुमार अपर मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी हैं. उनकी यूपी में वापसी कई अफसरों की कुर्सी पर खतरे के समान है. खास तौर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में उनके अनुभव को देखते हुए अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की कुर्सी भी रेणुका कुमार की वजह से हिलती हुई नजर आ रही है.
यूपी ब्यूरोक्रेसी में हलचल, वरिष्ठ आईएएस रेणुका कुमार की यूपी वापसी
उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बदलाव हुआ है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार की गुरुवार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से उत्तर प्रदेश में वापसी हो गई है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर गई रेणुका कुमार 1987 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उत्तर प्रदेश में इनका स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में बड़ा अनुभव रहा है. तत्कालीन समय में स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों को लेकर जांच चल रही है. माना जा रहा है कि अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ निकट भविष्य में कार्रवाई की जा सकती है. इसी तरह के मामले में लोक निर्माण विभाग में अनेक अफसरों पर निलंबन का एक्शन हो चुका है.
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2018 में उत्तर प्रदेश में एक पत्र को लेकर बवाल मचा था. दो IAS के एक पुराने पत्र जो कि 2017 में भेजे गए थे. तत्कालीन प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार पर महिला कल्याण विभाग के तत्कालीन निदेशक व बागपत के तत्कालीन डीएम भवानी सिंह ने कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिनमें एक संस्था को नियम विरुद्ध करोड़ों का भुगतान करने, दलालों को संरक्षण देने, तत्कालीन सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने के लिए आनन-फानन में रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड बंटवाने और एक एनजीओ को करोड़ों की बेशकीमती जमीन का आवंटन कराने जैसे गंभीर आरोप शामिल थे. बदले में रेणुका कुमार ने भी भवानी सिंह पर आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा था.
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