लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में अध्यनरत बालिकाओं को आत्मरक्षक प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही उन्हें सशक्त बनाने का अभियान नवंबर माह से शुरू होने जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रोग्राम के माध्यम से प्रदेश के 46 हजार से अधिक उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली कक्षा 6 से 8 तक की छात्राओं को आत्म सुरक्षा की ट्रेनिंग प्रदान करेगा. छात्रों का यह ट्रेनिंग प्रोग्राम अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में दक्ष विशेषज्ञों द्वारा तैयार प्रशिक्षण मॉडल विकसित किया गया है.
महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अंतर्गत 45083 उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की लगभग 40 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आत्मरक्षा प्रशिक्षण के पहले चरण में प्रदेश के लगभग 11000 प्रशिक्षु (ग्यारह हजार प्रशिक्षु) को मार्शल आर्ट्स की विधियां जैसे ताइक्वांडो, जूडो, कराटे, बॉक्सिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके लिए दीनदयाल उपाध्याय राज ग्राम विकास संस्थान के 220 केंद्रों में 50-50 शिक्षकों का बैच बनाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है.
विद्यालय में 24 दिन का चलाया जाएगा ट्रेनिंग प्रोग्राम :महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले व्यायाम शिक्षकों और अनुदेशकों को उनके ब्लॉक में ही स्कूल का आवंटन किया जाएगा. जहां पर वह जाकर बालिकाओं को इसकी ट्रेनिंग देंगे. उन्होंने बताया कि एक प्रशिक्षक अपने ब्लॉक में एक स्कूल में लगभग 24 दिन प्रशिक्षण देगा और वहां से जब वह प्रशिक्षण पूरा कर लेगा तब वह ब्लॉक के दूसरे विद्यालय में जाकर प्रशिक्षण देगा. इस प्रक्रिया के तहत इस पूरे शैक्षिक सत्र में प्रदेश के 40 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.