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लखनऊ : प्रमोशन को लेकर धरने पर बैठे सचिवालय के समीक्षा अधिकारी

राजधानी में सचिवालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारी अपने प्रमोशन को लेकर मंगलवार को लोक भवन के भीतर ही धरने पर बैठ गए. समीक्षा अधिकारियों का आरोप है कि सचिवालय प्रशासन ने जानबूझकर उनका प्रमोशन रोका हुआ है, जबकि सचिवालय प्रशासन में 80 अनुभाग अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी उन्हें प्रमोशन नहीं दिया गया है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिला प्रमोशन

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Published : Apr 2, 2019, 9:07 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सचिवालय में काम करने वाले समीक्षा अधिकारी प्रमोशन को लेकर आज लोक भवन में मुख्य सचिव के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. समीक्षा अधिकारियों का कहना है कि सचिवालय प्रशासन जानबूझकर उनका प्रमोशन रोके हुए है. न्यायालय के आदेश के बावजूद भी उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिला प्रमोशन

समीक्षा अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रशासन में 80 अनुभाग अधिकारियों के पद खाली चल रहे हैं. इन पदों पर समीक्षा अधिकारियों का प्रमोशन होना है. समीक्षा अधिकारी करीब 160 थे, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग रिटायर हो गए हैं. अभी भी करीब 80 अधिकारी कार्यरत हैं, जिनका प्रमोशन उन खाली चल रहे अनुभाग अधिकारियों के पद पर होना है. सचिवालय प्रशासन जानबूझकर प्रमोशन नहीं कर रहा है. वहीं जूनियर कर्मचारियों को प्रमोट कर दिया गया है.

पिछले दिनों लखनऊ हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन महेश गुप्ता को हिरासत में ले लिया था. पूरे दिन वह कोर्ट की हिरासत में बैठे थे. उनपर प्रमोशन में गोलमाल करने के आरोप हैं. मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय से वार्ता चल रही है. इसके बाद मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल समेत अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता कराई. इसका हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. शासन का पक्ष जानने के लिए मुख्य सचिव से संपर्क किया गया तो उन्होंने बोलने से मना कर दिया.

वहीं समीक्षा अधिकारी एसपी पांडेय ने बताया कि सचिवालय प्रशासन जानबूझ कर उनका प्रमोशन नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि आज ही प्रमोशन की सूची जारी की जाए. मुख्य सचिव स्तर पर वार्ता चल रही है. उम्मीद है कि 80 से अधिक समीक्षा अधिकारियों के साथ न्याय होगा.

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