लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जोरदार हंगामा और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. सदन की कार्यवाही आज मंगलवार को जैसे ही शुरू हुई, उसके बाद प्रश्न पहर में सवालों पर उत्तर देने का सिलसिला शुरू हुआ. इसी दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने प्रदेश में ध्वस्त कानून-व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, गन्ना मूल्य के बकाए का भुगतान सहित कई मुद्दों को लेकर हंगामा और शोर-शराबा करना शुरू कर दिया.
समाजवादी पार्टी के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने पोस्टर पहनकर और हाथ में तख्तियां लेकर योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया. काफी देर तक शोर-शराबे और हंगामे के चलते विधान परिषद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी. समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेश उत्तम, राजेंद्र चौधरी, राजेश यादव, सुनील सिंह साजन, राजपाल कश्यप सहित अन्य सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा किया.
दोपहर बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के सदस्य शत्ररुद्र प्रकाश व अन्य सदस्यों द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अव्यवस्था के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण वैक्सीनेशन पर सरकार ने बेहतर ढंग से कम समय में अच्छा काम किया है. वैक्सीन को लेकर विपक्षी नेताओं की तरफ से भ्रम फैलाया गया और इसके अभाव में तमाम लोगों की जान भी गई है. इसके अपराधी विपक्षी नेता हैं, जो वैक्सीन को मोदी वैक्सीन और बीजेपी की बताते थे. सीएम ने कहा कि लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाने का विरोध किया था यह लोग अपराधी है. जब अब्बा जान वैक्सीन लगवाते हैं तो तो फिर कहते हैं कि अब वैसे हम भी लगाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इशारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ था.
सीएम योगी के इस बयान के बाद सदन में उपस्थित समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जोरदार हंगामा और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. सपा सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में इस प्रकार की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं और संसदीय बात कह रहे हैं. इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में फिर कहा कि नेता विरोधी दल बताएं कि समाजवादी पार्टी को अब्बा जान से शब्द कब से संसदीय लगने लगा और इन्हें इस से परहेज क्यों है. एक तरफ इनको मुस्लिम वोट भी चाहिए और दूसरी तरफ अब्बा जान शब्द से यह लोग नफरत क्यों कर रहे हैं. इस पर नेता विरोधी दल को बताना चाहिए. इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश उत्तम राजपाल कश्यप सुनील सिंह साजन सहित कई समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने वेल में आकर जोरदार हंगामा किया. नेता विरोधी दल अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से हर कोई आहत है और यह बयान अमर्यादित है. इस पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि इसमें कुछ भी अमर्यादित नहीं है. इससे पहले समाजवादी पार्टी के सदस्य शतरुद्र प्रकाश व अन्य सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के दौरान अव्यवस्था आक्सीजन की कमी से मौत और अस्पतालों में बेड न मिलने का मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा.