लखनऊ:समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन का निधन हो गया. वह लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे. वह 88 वर्ष के थे. लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पिछले कई दिनों से वे भर्ती थे. छह दिन से उनका इलाज आईसीयू में चल रहा था. शनिवार सुबह वेंटीलेटर पर ही पूर्व मंत्री की सांसे थम गईं. लोहिया संस्थान के आईसीयू विभाग के हेड डॉ. दीपक मालवीय के मुताबिक पूर्व मंत्री अहमद हसन करीब 25 दिन से बीमार थे. उन्हें फीमर फ्रैक्चर (जांघ की हड्डी) हो गया था. इसके लिए उन्हें पहले गोमतीनगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जांच में कोरोना की पुष्टि भी हुई थी. इलाज के बाद कोरोना निगेटिव हो गए थे. मगर शरीर में दूसरी बीमारी बढ़ गईं थी. ब्लड में संक्रमण भी बढ़ गया था. उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी. ऐसे में छह दिन पहले लोहिया संस्थान के आईसीयू में वेंटीलेटर पर शिफ्ट किए गए थे. किडनी, लिवर, हार्ट, लंग ने काम करना बंद कर दिया था. मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से पूर्व मंत्री की मौत हो गई. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में नेता विरोधी दल श्री अहमद हसन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
वहीं सपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री अहमद हसन की लंबी बीमारी के बाद हुए निधन पर समाजवादी कुनबे में शोक की लहर है. उनके निधन पर पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि उन्होंने दो दशक अहमद हसन के साथ मिलकर कार्य किया है. उन्होंने मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की सरकार में रहते निष्ठा व ईमानदारी के साथ कार्य कर मिशाल पेश की थी. चौधरी ने कहा कि उनकी निष्ठा ईमानदारी का कोई तोड़ नही है. वो जितनी इज्जत बुजुर्ग को देते थे उतनी ही युवा पीढ़ी को भी दी थी.