लखनऊ : प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर से रेलवे के टिकट बनाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूट्यूब पर ऐसे सॉफ्टवेयरों के विज्ञापन मौजूद हैं और व्हाट्सएप पर फोन का कारोबार खूब चल रहा है. आरपीएफ क्राइम ब्रांच के हत्थे दो सॉफ्टवेयर तत्काल प्रो और तत्काल प्लस के साथ हाल ही में दो टिकट दलाल चढ़े हैं. इन एजेंटों के पास से यात्रा के दो टिकट और 15 इस्तेमाल हो चुके तत्काल टिकट बरामद हुए. इनकी कुल कीमत 20 हजार रुपये से अधिक है. इस गोरखधंधे में जालसाजों के मुंबई कनेक्शन का पर्दाफाश हुआ है.
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रेलवे के कन्फर्म टिकट बनाने के लिए जानसाजों का मकड़जाल तोड़ने में रेलवे प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. अब जालसाजों ने मुंबई से कन्फर्म टिकट जारी करने की तरकीब निकाल ली है. आरपीएफ की कार्रवाई में दो एजेंट के हत्थे चढ़ने के बाद यह खुलासा हुआ है.
पहले भी टिकट किए गए थे बरामद
सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकट बनाने वालों का कारोबार खूब बढ़ रहा है. आरपीएफ क्राइम ब्रांच इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास कर रही है. लखनऊ में आरपीएफ ने कुछ समय पहले शुभम कुमार के पास से आगे की यात्रा का एक टिकट और इस्तेमाल हो चुके आधा दर्जन तत्काल टिकट बरामद किए थी. इनकी कुल कीमत 8,233 रुपये थी. पांच पर्सनल यूजर आईडी, लैपटॉप मोबाइल भी बरामद हुए थी. एक हॉस्टल से आरपीएफ ने अनुराग सिंह नाम के युवक को भी गिरफ्तार किया था. जिसके पास दो लाइव तत्काल टिकट और नौ इस्तेमाल हो चुके तत्काल टिकट बरामद किए गए थे. इनकी कीमत 13 हजार 127 थी. शुभम कुमार प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर तत्काल प्रो और अनुराग सिंह तत्काल प्लस का इस्तेमाल कर रहा था.
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