लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी, ड्राइवरों की ड्यूटी लगाने के नियमों का बिल्कुल पालन नहीं करते हैं. यह दुर्घटना की एक बड़ी वजह बन रही है. नियम यह है कि 400 किलोमीटर से ऊपर बस के संचालन पर दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाना अनिवार्य है.
ड्राइवरों की कमी के चलते लंबी दूरी की बसों पर एक ही ड्राइवर की ड्यूटी लगाई जा रही है. ऐसे में थकान और सुस्ती के चलते ही जाने अनजाने ही ड्राइवरों से बड़ी दुर्घटना हो जाती है. अवध डिपो की जनरथ बस जो सोमवार यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें भी एक ही ड्राइवर ड्यूटी पर तैनात था.
परिवहन नियमों की अधिकारी कर रहे अनदेखी-
- परिवहन निगम के मानकों में लंबी दूरी पर संचालित बस के ड्राइवर को दूसरे दिन छुट्टी का प्रावधान है.
- लांग रूट की बस पर दो ड्राइवरों की तैनाती नियम है.
- 400 किलोमीटर के ऊपर जो भी बस जाएगी उसमें दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा है.
- लंबी दूरी की बसों में भी एक ड्राइवर से ही काम लिया जा रहा है. इस वजह से ऐसी दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं.
- इसके अलावा एसी बस स्टेशनों पर चालक- परिचालकों के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था तो है, लेकिन रात में एसी ही बंद कर दिया जाता है.
- इससे बस स्टेशन पर चालक नींद भी पूरी नहीं कर पाते हैं. अधूरी नींद रहने के चलते बस में नींद आना भी स्वाभाविक है.
- अधिकारी भी मानते हैं कि अगर बस में दो ड्राइवर होते तो शायद यमुना एक्सप्रेस वे की जो घटना हुई है, वह न होती.