लखनऊःयूपी की 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. कई जगहों पर कम मतदान से बीजेपी नेतृत्व भी चिंतित नजर आई. इस उपचुनाव की खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ढाई साल की सरकार चलाने के बाद प्रदेश में उपचुनाव हुआ. साथ ही यह भी पता चलेगा कि योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में किस प्रकार से काम किया और जनता ने उन्हें कितने नंबर दिए हैं.
2017 में बीजेपी ने हासिल किया था पूर्ण बहुमत
उपचुनाव के परिणाम से उत्तर प्रदेश की सियासत के नए संदेश भी लोगों के सामने आएंगे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया. यही नहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के लिए भी उपचुनाव लिटमस टेस्ट की तरह है.