लखनऊ: एक जून से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने प्रदेश में बसों का संचालन शुरू किया था. इस दौरान सिर्फ अंतरजनपदीय बसें चलाई गई थीं, लेकिन हाल ही में परिवहन निगम ने अंतरराज्यीय बस सेवाओं का संचालन भी शुरू कर दिया है. इसके तहत राजस्थान और हरियाणा के लिए भी बसें शुरू की गईं, लेकिन इन बसों को सवारियां ही नहीं मिल रही हैं.
ऐसे में परिवहन निगम के साथ जिन प्राइवेट बस ऑपरेटरों का अनुबंध था उनकी वातानुकूलित बसें संचालित नहीं कराने का परिवहन निगम ने फैसला ले लिया है. यात्री न मिलने की वजह से वाॅल्वो और स्कैनिया जैसी 60 से अधिक अनुबंधित लग्जरी बसों के संचालन पर अस्थाई रोक लगाई है. इससे प्राइवेट ऑपरेटर्स को काफी दिक्कत हो रही है. अनुबंधित बस ऑपरेटरों को बैंक की किश्त और अन्य खर्चाें के लिए परेशानी हो रही है.
परिवहन निगम मुख्यालय के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) पीआर बेलवरियार ने बताया कि यात्री न मिलने की वजह से लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में वाॅल्वो और स्कैनिया जैसी 60 से अधिक लग्जरी बसों के संचालन पर अस्थाई रोक लगा दी गई है. लग्जरी बसों को काफी कम सवारियां मिल रही थीं, जिससे बसों को रद करना पड़ रहा था. उन्होंने बताया कि परिवहन निगम से अनुबंधित बस ऑपरेटरों ने आय के आधार पर बसों के संचालन के लिए मुख्यालय में पत्र दिया है.
वर्ष 2019 में परिवहन निगम प्रशासन ने पूरे प्रदेश में 100 निजी ऑपरेटरों से लग्जरी बसों के संचालन के लिए अनुबंध किया था. इनमें से आधे से अधिक वातानुकूलित बसों का संचालन अभी पूरी तरह से बंद है. बस स्वामियों ने बैंक से लोन लेकर वातानुकूलित बसें किराए पर ली थीं. ऐसे में लॉकडाउन से लेकर अब तक बसों का संचालन नहीं होने से बैंक की किश्त और अन्य खर्चों की वजह से समस्याएं बढ़ती जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश अनुबंधित बस ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव अजीत सिंह ने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से वातानुकूलित बसों के ऑपरेशन के लिए अनुरोध किया है. एसी बसों का संचालन बंद होने से यात्री डग्गामार बसों की तरफ रुख कर रहे हैं. यात्रियों को भी पता है कि इन बसों से यात्रियों का सफर सुरक्षित नहीं है. इसके बावजूद परिवहन निगम प्रशासन वातानुकूलित बसों का संचालन शुरू करने से हिचकिचा रहा है.
परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) पीआर बेलवारियार के मुताबिक रोडवेज का ऑपरेशन इनकम पर आधारित है. रोडवेज बसों को अभी पहले की तरह यात्री नहीं मिल रहे हैं. कम यात्रियों के सहारे लंबी दूरी की वातानुकूलित बस सेवाओं का संचालन करा पाना संभव नहीं है. आय के आधार पर लग्जरी बसों के संचालन के लिए दो संचालकों ने सम्पर्क किया है. इस पर मंथन करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा.