लखनऊ : लखनऊ का नाम जुबान पर आते ही अक्सर लोग नवाबों की नगरी और नवाबों से ताल्लुक रखने की बात कहकर पुराने दौर में चले जाते हैं. वहीं नवाबों की नगरी से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु वाजपेयी की हाल ही में हुए सनत कथा फेस्टिवल में बुक लॉन्च किया गया.
पढ़िए, 'किस्सा किस्सा लखनऊवा' में आम लोगों के किस्से
सनत कथा फेस्टिवल में हिमांशु वाजपेयी की 'किस्सा किस्सा लखनऊवा' का विमोचन हुआ. हिमांशु का कहना है कि उनकी किताब में नवाबों से परे आम लोगों के किस्से हैं.
दुनिया भर के कई देशों में अपने किस्सागोई से मशहूर हो चुके हिमांशु वाजपेयी एक पत्रकार रह चुके हैं. कई वर्षों की मेहनत के बाद उनकी पहली किताब 'किस्सा किस्सा लखनऊवा' का विमोचन हुआ है. अपनी किताब के बारे में बताते हुए हिमांशु ने कहा कि भले ही वह नवाबों की नगरी से हैं और लखनऊ का नाम आते ही लोगों के जहन में नवाबों का जिक्र आता हो, लेकिन उनकी किताब में नवाबों से परे आम लोगों के किस्से हैं. इन आम लोगों में कोई भी हो सकता है, एक फेरी वाला, पान वाला, चायवाला या फिर सब्जी वाला. उनका कहना है कि आवाम के किस्से बड़े ही बेहतरीन और पढ़ने लायक होते हैं. इसलिए मेरी किताब की टैगलाइन भी आवामी किस्से हैं.
हिमांशु की किताब में छपे किस्से न केवल आम जनता की राय बताते हुए नजर आते हैं, बल्कि साथ ही हमारी सोच और नवाबों की नगरी की तहजीब को भी बखूबी दिखाते नजर आते हैं.