लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में बसों से डीजल चोरी होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन एक साथ बड़े स्तर पर अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाना चौंकाने वाला है. रोडवेज प्रशासन ने परिवहन निगम के 110 अफसरों और कर्मचारियों को डीजल रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया है. इनमें 17 रीजन के रीजनल मैनेजर, सर्विस मैनेजर, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) और फोरमैन से लेकर स्टेशन इंचार्ज तक शामिल हैं.
परिवहन निगम प्रशासन ने एक ऑडिट टीम के जरिए 24 सितंबर 2018 से 23 फरवरी 2019 तक डीजल खपत का ऑडिट कराया. टीम ने एक-एक परिक्षेत्र में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से आए डीजल और खपत का ऑडिट करने के बाद रिपोर्ट तैयार की. ऑडिट रिपोर्ट के दायरे में सभी 20 परिक्षेत्रों में से 17 परिक्षेत्र आए हैं. इसकी रिपोर्ट आने के बाद शीर्ष अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है. नोटिस पाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का आरोप है कि ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा किए बिना ही कार्रवाई कर दी गई है. ऑडिट में तय नियमों की अनदेखी की गई है.
इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
लखनऊ परिक्षेत्र के सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक भी इस ऑडिट रिपोर्ट में फंसते हुए नजर आ रहे हैं. इनमें वर्तमान एवं पूर्व एआरएम भी शामिल हैं. परिवहन निगम प्रशासन ने जिन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उनमें गोरखपुर के पूर्व क्षेत्रीय प्रबंधक व वर्तमान में प्रधान प्रबंधक डीवी सिंह, वर्तमान में वाराणसी सेवा प्रबंधक व गोरखपुर के पूर्व सेवा प्रबंधक संतोष कुमार, वाराणसी के पूर्व व गोरखपुर के वर्तमान क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी, आजमगढ़ के पूर्व व वर्तमान में क्षेत्रीय प्रबंधक सुग्रीव राय, मेरठ के पूर्व व वर्तमान में सहारनपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक नीरज सक्सेना, लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस, लखनऊ परिक्षेत्र के सेवा प्रबंधक सत्य नारायण के सात ही प्रयागराज के कुंभ मेला के विशेष सेवा प्रबंधक एसपी सिंह भी शामिल हैं.
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