लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary writes letter to Finance Minister Nirmala Sitharaman) किसानों के हितों के पक्ष में लगातार सरकार के सामने मांगे उठा रहे हैं. अब उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने किसानों के हितों के पक्ष में बैलगाड़ी और भैंसा बुग्गी के टायर, ट्यूब, एक्सेल और व्हील को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की है.
राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी का पत्र पत्र में राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लिखा है कि मुझे इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और इंडस्ट्रीज एंड ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें सरकार की तरफ से उन कृषि यंत्र पर भारी जीएसटी दरों के प्रति असंतोष व्यक्त किया गया है जो गरीब किसानों के उपयोग में आते हैं. मसलन, भैंसा गाड़ी, बैलगाड़ी और ऊंट गाड़ी पर 12% जीएसटी लगता है, वहीं इन गाड़ियों में प्रयोग किए जाने वाले टायर, ट्यूब पर जीएसटी की दर 28% है जो किसी भी तरह से उचित नहीं है. इन पशु चकित वाहनों के एक्सेल व्हील पहले कर मुक्त थे.
अब नई प्रणाली में इन पर 18% जीएसटी लगा दिया गया है. उन्होंने लिखा कि मैं आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने 1963 में उत्तर प्रदेश में कृषि मंत्री और 1979 में केंद्र सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए न केवल कृषि यंत्रों की कीमतों में कमी की बल्कि इन पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में भी छूट दी थी. इसी तरह चौधरी अजीत सिंह ने 2001 में केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए कृषि यंत्रों पर ब्याज दरें घटाई थी. उन्होंने ट्रैक्टर पर लगने वाली ब्याज दर जो पहले 14 प्रतिशत से 18 प्रतिशत थी को 9:5 से 10% कर दिया.
बैलगाड़ी और भैंसा बुग्गी के टायर, ट्यूब, एक्सेल और व्हील को जीएसटी से मुक्त करने की मांग पशु चलित वाहन उन छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों के परिवहन के काम आते हैं जिनकी ट्रैक्टर आदि खरीदने की सामर्थ्य नहीं होती. इतना ही नहीं यह यंत्र पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होते हैं. आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया है कि इन तथ्यों के ध्यान में रखते हुए इन पशु चलित वाहनों में प्रयोग होने वाले टायर, ट्यूब, एक्सेल और व्हील को जीएसटी से बाहर कर करमुक्त किया जाए. अधिकतम 5% के दायरे में लाया जाए. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों के हित में वित्त मंत्री इस पर जरूर विचार करेंगी.
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