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Rape Victim : इलाज के लिए छह दिनों तक लखनऊ में भटकती रही बाराबंकी की दुष्कर्म पीड़ित बच्ची

मासूम के दुष्कर्म के मामलों में डाॅक्टरों की संवेदनहीनता की मामला सामने आया है. बाराबंकी की रहने वाली एक पांच वर्षीय मासूम के साथ हुई दरिंदगी के बाद उसके इलाज में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डाॅक्टरों की हीलाहवाली सामने आई है. देखें खबर.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 8:37 AM IST

लखनऊ :दुष्कर्म की शिकार हुई बाराबंकी निवासी पांच वर्षीय मासूम को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इलाज के लिए छह दिनों तक भटकना पड़ा. वह दोबारा सर्जरी के लिए आई थी. हालांकि मामला केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के संज्ञान में आने के बाद बच्ची को तत्काल भर्ती कर इलाज शुरू कराया गया.



बाराबंकी निवासी एक पांच वर्षीय बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आई थी. आरोपियों ने बच्ची के साथ दरिंदगी कर उसे मरा हुआ समझ कर मौके से भाग निकले थे. पुलिस ने बच्ची को लखनऊ में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भर्ती कराया था. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में बच्ची की सर्जरी हुई थी. दोबारा सर्जरी के लिए डॉक्टरों ने 6 सप्ताह बाद बुलाया था. पीड़ित के पिता का आरोप है कि वह बीते 15 दिनों में 6 बार केजीएमयू इलाज के लिए बच्ची को लेकर आए, लेकिन बार-बार लौटाया जाता रहा. सोमवार को बच्ची की तबीयत खराब होने पर बाल कल्याण समिति (बाराबंकी) की अध्यक्ष बाला चतुर्वेदी और समाजसेवी अमृता शर्मा ने बच्ची को बाराबंकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से उसे एंबुलेंस के जरिये केजीएमयू भेज दिया गया.


केजीएमयू में मंगलवार को एबुलेंस ने बच्ची और उसके परिजनों को लाकर छोड़ दिया. कई घंटे की कोशिश के बाद थकहार कर पीड़ित परिजन बच्ची को लेकर पीडियाट्रिक वार्ड के बाहर रुक गए और सुबह होने का इंतजार करने लगे. हालाकि इस बीच केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह को जब बच्ची के हालत की जानकारी हुई. तो उन्होंने तत्काल बच्ची को न सिर्फ पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराया, बल्कि उसका इलाज भी शुरू कराया.


डेंगू ने ली डॉ. सीएम पांडेय की जान

राजधानी लखनऊ में बुधवार को 29 नए डेंगू मरीज मिले. वहीं, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के बायोस्टैटिस्टिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान विभाग में पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख रहे डॉ. सीएम पांडेय (69) की मौत हो गई है. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक एक सप्ताह पूर्व उनकी डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. पीजीआई में इलाज के दौरान दो अक्टूबर की मौत हो गई. डॉ. सीएम पांडेय संस्थान में बायोस्टैटिस्टिक्स विभाग के संस्थापक भी थे. उन्होंने विभागाध्यक्ष के रूप में लगभग 27 वर्षों तक कार्य किया. 2018 मेे सेवानिवृत्ति के बाद वह लखनऊ में सुपर स्पेशियलिटी कार्डियक संस्थान, डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल में निदेशक के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने एसजीपीजीआई में कार्यकारी रजिस्ट्रार, उप-डीन, संकाय प्रभारी, अनुसंधान और संकाय प्रभारी, (परीक्षा) सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया था. बुधवार को संस्थान में आयोजित हुई शोकसभा मे निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन सहित अधिकारियों व कर्मचारियों ने
दो मिनट का मौन रखा और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

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