लखनऊ: लॉकडाउन के चलते जहां ग़रीब और दिहाड़ी मज़दूरों के आगे कमाने और खाने की मुश्किलें खड़ी हो गई है, वहीं प्रशासन के साथ कई निजी संस्थाए भी गरीबों तक खाना पहुचाने की मदद में लगी हुई है. ऐसे में लखनऊ का मशहूर शिरोज़ कैफे और यहाँ काम करने वाली तेज़ाब अटैक का दंश झेल रही महिलाएं दूसरों की मदद के लिए आगे आई हैं.
लखनऊ: लॉक डाउन में शीरोज़ की एसिड अटैक विक्टिम बनीं गरीबों की मददगार
जिनको कुछ असामाजिक तत्वों ने जिंदगी भर का दंश दिया, वही महिलाएं अपने गम को परे रखकर अब लॉकडाउन में भूखे और गरीबों के बच्चों को पेटभर भोजन उपलब्ध कराने का अभियान चला रही हैं।
एसिड अटैक सरवाइवर्स द्वारा चलाया जा रहा गोमतीनगर का शीरोज़ कैफे आम दिनों में जहाँ लोगों से गुलज़ार रहता था, वहीं लॉकडाउन के चलते यह बन्द पड़ा है. यहां काम करने वाली कई एसिड अटैक सरवाइवर्स घर जा चुकी हैं लेकिन एसिड अटैक विक्टिम रजनीता, रूपाली और जया वक्त रहते घर नहीं जा पाईं. इन्होंने अब अपने आसपास रह रहे गरीबों की मदद करने और उनको दिन में दो वक्त का भोजन मुहैया कराने का जिम्मा उठाया है. शीरोज़ कैफे चलाने वाली यह महिलाएं कभी पका भोजन, कभी राशन और अन्य खाद्य सामग्री गरीबों के बच्चे तक पहुंचा रही हैं.