लखनऊ : मंत्रिमंडल ने जिला अस्पतालों से मेडिकल कॉलेज बनने वाले अस्पतालों की संपूर्ण चल-अचल संपत्ति स्थानान्तरित करने की अपनी सहमति दे दी है. बीते दिन कैबिनेट बैठक में पास होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संशाधन समेत संपूर्ण संपत्ति अधिग्रहण करने का शासनादेश जारी करने को औपचारिकता पूरी हुई.
प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों को दी जाएगी 14 जिला अस्पतालों की संपत्ति - मेडिकल काॅलेज बनाया
उप्र में ज्यादा से ज्यादा चिकित्सक तैयार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की हर जनपद मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना में पहले चरण को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 10.22 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीपरपज हाॅल, लेक्चर थियेटर और कैफेटेरिया का निर्माण किया जाएगा.
उप्र में ज्यादा से ज्यादा चिकित्सक तैयार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की हर जनपद मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना में पहले चरण को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 10.22 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीपरपज हाॅल, लेक्चर थियेटर और कैफेटेरिया का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए एकेडमिक ब्लाॅक के 10वें तल पर स्थान चिन्हित कर लिया गया है. मल्टीपरपज हाॅल, लेक्चर थियेटर और कैफेटेरिया बनने से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को सुविधा होगी.
ये जिले हुए शामिल :राज्य सरकार ने पहले दो चरणों में चयनित 14 जिलों के जिला अस्पतालों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज बनाया है. मेडिकल कॉलेज बनने वाले जिलों में अमेठी, औरैया, कानपुर देहात, कुशीनगर, कौशांबी, सोनभद्र, गोंडा, ललितपुर, बिजनौर, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, चंदौली, पीलीभीत और बुलंदशहर प्रमुख शहर शामिल हैं.
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