लखनऊ:राजस्व विभाग के अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा प्रदेश के लेखपाल उठा रहे हैं. लेखपालों का प्रमोशन पिछले 3 साल से नहीं हो पा रहा है. जबकि ढाई हजार राजस्व निरीक्षक के पद खाली हैं और इन पदों पर आसानी से लेखपालों की पदोन्नति करके तैनाती की जा सकती है, लेकिन विभाग के अधिकारी इस पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं. वहीं प्रमोशन न होने से प्रदेश के लेखपालों में नाराजगी बढ़ती चली जा रही है. इससे राजस्व से जुड़े कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं. लेखपाल संघ के प्रतिनिधियों ने सीएम योगी को पत्र भेजकर अफसरों की उदासीनता पर सवाल उठाए हैं.
कर्मचारियों के हित में काम करने के दावों पर पलीता लगा रहे हैं अफसर
राज्य सरकार की तरफ से लगातार कर्मचारियों के हित में तमाम तरह के दावे किए जाते हैं और प्रमोशन जैसे फैसले नियमानुसार से जल्द से जल्द किए जाने की बात कई बार मुख्य सचिव के स्तर से की गई है, लेकिन राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग में लेखपाल संवर्ग के 3 साल से प्रमोशन नहीं हो पाए हैं. अफसरों की उदासीनता के कारण राजस्व परिषद से प्रमोशन की पत्रावली शासन नहीं भेजी जा रही है. इससे प्रदेश के लेखपालों में न सिर्फ की नाराजगी बढ़ रही है बल्कि कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर 3 वर्ष से लंबित है. पदोन्नति को जल्द से जल्द कराए जाने की मांग की है और अफसरों की उदासीनता का भी पत्र में जिक्र किया है.
2500 पद खाली, प्रमोशन का मामला अटका
छुपाने वाली भर्ती में बीए की राजस्व विभाग के अंतर्गत लेखपालों के प्रमोशन के बाद उन्हें जिस राजस्व निरीक्षक के पद पर प्रमोट करके तैनाती दी जानी है. उनके ढाई हजार पद खाली हैं मौजूद उसके राजस्व परिषद के स्तर पर इस काम को नहीं कराया जाता रहा है. इससे लगातार राजस्व विभाग के अंतर्गत काम करने वाले लेखपालों में लगातार नाराजगी बढ़ रही है.