लखनऊ: राजधानी के अवध शिल्पग्राम में इन दिनों हुनर हाट का आयोजन चल रहा है. जिस तरह पूरे विश्व में सात अजूबे हैं, उसी तरह उत्तर प्रदेश के हर जिले में भी एक हुनर है. सरकार इन हुनरमंद को किसी अजूबे से कम नहीं मानती है. इस अवध शिल्पग्राम में प्रदेश के 75 जनपदों से 75 हुनरमंद अपने खास सामान के साथ पहुंचे हैं. वहीं रविवार के दिन सबसे ज्यादा लोग कारीगरों के इस हुनर को देखने पहुंचे. यूपी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यहां पहुंचकर कारीगरों के हुनर को खूब सराहा. यहां पहुंचने वाले लोगों ने भी कारीगरों के सामानों की जमकर खरीदारी की. लोगों ने यहां तक कहा कि यही सामान मॉल में पहुंचने के बाद कई गुना ज्यादा दामों को बेचते हैं, जबकि यहां पर बहुत कम दाम में और अच्छी गुणवत्ता का सामान मिल रहा है.
हुनर हाट में लगा यूपी के उत्पादों का मेला. एक छत के नीचे दिखे यूपी के 75 अजूबे
उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध प्रदेश है. वहीं इस प्रदेश में संभावनाओं की भी कोई कमी नहीं है. प्रदेश की सरकार इन दिनों उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक हुनर को विकसित करने का प्रयास कर रही है. राजधानी लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में इन दिनों हुनर हाट का आयोजन चल रहा है. इस हुनर हाट में प्रदेश के सभी जिलों से कारीगर अपने हुनर को लेकर पहुंचे हैं. अवध शिल्पग्राम की एक ही छत के नीचे इन दिनों 75 जनपदों के हुनरमंद अपने विशेष उत्पाद को लेकर मौजूद हैं.
लोग कारीगरों के इस हुनर को देखकर हैरान है, क्योंकि अभी तक उन्हें कारीगरों के इस हुनर को देखने का मौका भी नहीं मिला था. हुनर हाट में पहुंची डॉक्टर मनीषा ने बताया कि वह अब तक मॉल से ही खरीदारी करती थीं. जहां पर देसी और विदेशी सामान काफी महंगे दामों पर मिलते हैं. लेकिन यहां पर कारीगरों के हुनर को देखकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है और इनके दाम भी काफी सस्ते हैं. सरकार को इस तरह का आयोजन साल भर करना चाहिए.
हुनर को लेकर क्या है सरकार का प्रयास
प्रदेश सरकार 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के तहत हर जिले के प्रमुख उत्पाद को बड़ी पहचान दिलाने की कोशिश कर रही है, जिससे कि उस जिले के कारीगरों को उनके हुनर का उचित मूल्य मिल सके और घर बैठे उनको अच्छा रोजगार उपलब्ध हो सके. कारीगरों का यह हुनर किसी अजूबे से कम नहीं है, इसीलिए प्रदेश सरकार इनको 'यूपी के 75 अजूबे' कह रही है. कुछ जिलों के उत्पादों को तो लोग पहले से ही जानते हैं, लेकिन कुछ जिलों में विकसित होने वाले उत्पादों को अब सरकार बड़ी पहचान दिलाने का काम कर रही है.
आगरा का पेठा मशहूर है तो मथुरा का पेड़ा, कन्नौज का इत्र मशहूर है तो मुरादाबाद के पीतल के बर्तन. इसी तरह आजमगढ़ का ब्लैक पॉटरी मशहूर है, लेकिन लोगों तक इनकी पहुंच बनाने के लिए और कारीगरों के इस हुनर को बड़ी पहचान दिलाने के लिए सरकार का हुनर हाट के रूप में आयोजन निश्चित ही सराहनीय है. वहीं कारीगरों को इस हुनर हाट के माध्यम से काफी फायदा होगा. अपने जिले में ही विशेष उत्पाद के माध्यम से रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं.
नया साल में जगीं नई उम्मीदें
साल 2020 कोविड-19 के चलते पूरे देशवासियों के लिए अच्छा नहीं रहा, जिसके चलते रोजगार के अवसरों में काफी गिरावट आई. इसका असर उत्तर प्रदेश के आर्थिक हालत पर भी पड़ा. साल 2021 में सरकार नई संभावनाएं और नई उम्मीदों को लेकर काम कर रही है. इसी के चलते अब कोविड-19 संक्रमण कम होने पर इतने बड़े स्तर पर हुनर हाट का आयोजन किया गया. यहां पर लोगों की अपार भीड़ पहुंच रही है. अकेले रविवार को ही हुनर हाट में 50,000 से ज्यादा लोग पहुंचे. अपने विशेष उत्पादों को लेकर 75 जिलों से आए हुए कारीगर यहां की बम्पर बिक्री से खुश दिखाई दिए. क्योंकि कोरोना वायरस के चलते कारीगरों का यह हुनर फीका पड़ रहा था और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया. सरकार कारीगरों के इस हुनर को फिर चार चांद लगाने जा रही है.