लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के समक्ष बुधवार को राजभवन स्थित सभाकक्ष में उपमुख्यमंत्री व माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए की गई कार्यवाही का प्रजेंटेशन किया गया. राज्यपाल ने प्रजेंटेशन की सराहना की और कहा कि इसका क्रियान्वयन किया जाए.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष नई शिक्षा नीति को लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इसके क्रियान्वयन की तैयारियों के 3 प्रस्तुतिकरण हुए. उच्च शिक्षा विभाग के साथ-साथ डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ और भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ ने भी अपने प्रस्तुतिकरण किए.
नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम नियोजित हों
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बैठक में निर्देश दिया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम नियोजित करते समय सभी विश्वविद्यालयों के वर्षवार पाठ्यक्रमों में विषयगत समानता सुनिश्चित कर ली जाए, जिससे माइग्रेट करने वाले छात्रों को विषय ज्ञान में दोहराव अथवा हानि न हो. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत लागू बदलावों का विश्वविद्यालयों से भौतिक सत्यापन भी करें और यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि वहां व्यवस्था को लागू करा दिया गया है.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वर्तमान में विश्वविद्यालयों में चल रही लेखा व्यवस्था पर असंतोष व्यक्त करते हुए लेखा विवरण और एकाउन्टेंसी को व्यवस्थित कराने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के वित्ताधिकारी को विश्वविद्यालय के सभी खातों, उनमें उपलब्ध राशि, आय-व्यय की जानकारी अवश्य होनी चाहिए. उन्होंने विश्वविद्यालय में एसेट रजिस्टर को अनिवार्य रूप से बनाए जाने और उसे अद्यतन रखने का निर्देश दिया.
विश्वविद्यालय अपने विवरण के ऑनलाइन अंकन को नियमित रखें
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि विश्वविद्यालय अपने विवरण के ऑनलाइन अंकन को नियमित रखें. ज्ञात हो इस संदर्भ में विश्वविद्यालय द्वारा 55 फार्मों में प्रतिमाह अपने विवरण ऑनलाइन प्रस्तुत करने की व्यवस्था दी गई है. राज्यपाल ने कहा कि इस व्यवस्था से विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की तैयारी बेहतर हुई है. विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों के लिए धनावंटन के उपरांत निर्माण एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्यों को विलंब से प्रारंभ करने की उनकी कमी पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि धनावंटन के बाद निर्माण कार्यों की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा आवश्यक रूप से करके कार्यों को समयबद्ध पूर्ण कराया जाए.
स्वास्थ्य और तकनीकी का समन्वय बेहद उपयोगी और सराहनीय
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अन्य राज्यों में विश्वविद्यालयों द्वारा समन्वय करके शिक्षा को उपयोगी शोध एवं ज्ञान से जोड़ने के उदाहरण देकर कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय आपस में एमओयू करके विविधता पूर्ण विषयों को समन्वय से पूर्ण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समन्वय से जो उपलब्धि प्राप्त होगी, वह उपयोगी हो सकती है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और तकनीकी का समन्वय बेहद उपयोगी और सराहनीय है. उन्होंने विश्वविद्यालयों को समन्वयात्मक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने में रूचि लेने को कहा. राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालयों में लम्बित डिग्रियों को वितरित कराने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कक्षा एक में पढ़ने वाले विद्यार्थी को नामांकित मानकर उच्च शिक्षा तक ड्राप आउट चेक करने को कहा.
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दी जानकारी
बैठक में उपमुख्यमंत्री व माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत सरकार की इस महत्तवाकांक्षी नीति को यथाशीघ्र क्रियान्वित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कृत संकल्प है. उन्होंने राज्यपाल को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में क्रियान्वयन के लिए बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक व व्यावसायिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग को सम्मिलित करते हुए 15 सदस्यीय समेकित टास्क फोर्स का गठन, सभी विभागों में अलग-अलग स्टीयरिंग कमेटी का गठन, माह अगस्त, 2020 से इनकी निरन्तर वर्चुअल बैठक एवं वेबिनार का आयोजन, टास्क फोर्स की बैठकों के द्वारा अल्पकाल में उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए प्रदेश में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को लागू करना, शोध, अनुसंधान, नवाचार को प्रोत्साहन देते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्ता प्रदान किया जाना तथा अधिकांश विश्वविद्यालयों की बोर्ड ऑफ स्टडीज के माध्यम से पाठ्यक्रमों में आवश्यक संशोधन सुनिश्चित करते हुए इसे शैक्षिक सत्र 2021-22 से लागू किये जाने की कार्यवाही सम्पन्न कराई गई है. राज्य विश्वविद्यालयों से यह भी अपेक्षा की गई है कि कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए.