लखनऊ : 1400 से अधिक पॉलिटेक्निक की ढाई लाख से अधिक सीटों के लिए चल रहे आवेदन प्रक्रिया में पंजीकरण कम आने पर विभाग अब जागा है. मौजूदा समय में करीब पौने तीन लाख छात्रों ने पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें करीब दो लाख छात्रों ने फीस जमा की है. ऐसे में कुल निर्धारित सीटों की तुलना में 50 हजार कम छात्रों ने फीस जमा की है. ऐसे में यह सीटें खाली रहने की उम्मीद है. पॉलिटेक्निक प्रशासन ने आवेदन प्रक्रिया की डेट दूसरी बार बढ़ाकर 15 मई तय की थी, लेकिन अब दोबारा से इसे बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में बीते शनिवार को प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा व संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अधिकारियों की बैठक बीते दिनों आयोजित हुई थी, जिसमें प्रवेश परीक्षा की आवेदन तिथि दोबारा बढ़ाने के साथ ही प्रस्तावित ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा की डेट में ही बदलाव करने का निर्णय लिया गया है.
अधिकारियों ने बताया ये कारण :प्रमुख सचिव प्राविधिक ने जब पॉलिटेक्निक की सीटों के सापेक्ष कम आवेदन आने का कारण पूछा तो संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अधिकारियों ने समय से प्रचार प्रसार न होने का कारण बताया था, जिसमें प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए दोबारा से आवेदन की तिथि बढ़ाने के साथ ही सभी जिलों में व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसके लिए जो भी जरूरी सामग्री है वह सभी राजकीय व सरकारी पॉलिटेक्निक को मुहैया कराने को कहा है. ज्ञात हो कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद पॉलीटेक्निक चलो अभियान शुरू करने जा रहा है. अभियान को जनवरी से मार्च के बीच चलाया जाना था. ऐसे में अब पोस्टर, बैनर और पैम्फलेट छपवाकर काउंसिल मात्र खानापर्ति करने में जुटा है. पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा में इस बार रजिस्ट्रेशन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या घटी है. पांच से साढ़े पांच लाख रहने वाले अभ्यर्थी घटकर मात्र ढाई लाख रह गए हैं.
विभाग ने फूंक दिए लाखों रुपये :काउंसिल की ओर से अभी तक प्रवेश परीक्षा कराने वाली एजेंसी तक फाइनल नहीं है. दिसंबर में इस काम की शुरुआत हो जानी थी लेकिन, विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह काम अब शुरू हुआ है. उधर, काउंसिल अधिकारियों की मानें तो बोर्ड परिणाम के बाद पोस्टर बैनर व पैम्फलेट पर तकरीबन 15 से 20 लाख रुपये फूंके गए हैं.