लखनऊ :ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में जिस खेल की तूती बोलती है, वह अब भारत के गांवों तक पहुंच चुका है. खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में इस खेल के जरिए गांव-गांव के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. जिससे महसूस किया जा रहा है कि देश में रग्बी का भविष्य उज्जवल है.
भारत किसानों का देश है और देश का नाम रोशन करने वाली कई खेल प्रतिभाएं किसानों के घर से निकलकर सामने आती हैं. इस बात का प्रमाण आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश के रग्बी के फाइनल मुकाबले से मिल गया. जहां पुरुषों में भारती विद्यापीठ महाराष्ट्र और महिलाओं में केआईआईटी यूनिवर्सिटी ओडिशा की टीम चैंपियन बनी. इन दोनों टीमों की जीत में खास बात ये थी कि दोनों ही टीमों के कप्तान किसान परिवार से आते हैं. इसमें पुरुष वर्ग के विजेता भारती विद्यापीठ महाराष्ट्र के कप्तान श्रीधर श्रीकांत निगड़े और महिला वर्ग की विजेता केआईआईटी यूनिवर्सिटी ओडिशा की कप्तान डुमिनी मारिंडी हैं. इन दोनों ने जब रग्बी में कॅरियर बनाने की शुरुआत की थी तो इनके सामने कई चुनौतियां सामने आई थीं, हालांकि आज दोनों रग्बी में कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं.
शौकिया रग्बी खेलने वाली डुमिनी बन गईं अब स्टार :बात अगर डुमिनी मारिंडी की करें तो इन्होंने 2010 में शौकिया रग्बी खेलने की शुरुआत की थी, लेकिन फिर इनका मन रग्बी में ऐसा रमा कि आज 21 साल की उम्र में अपनी टीम की स्टार खिलाड़ी हैं, हालांकि डुमिनी की लंबाई कम है, लेकिन मैदान पर उनके करारे शॉट देखकर प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी हैरान रह जाते हैं. इनके पिता डी. किशोर मारिंडी किसान हैं, लेकिन अपनी बेटी को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ा और उसे अपने खेल को आगे बढ़ाने में पूरा सपोर्ट किया. डुमिनी पिछले साल आयु वर्ग की एशिया रग्बी ट्राफी की रजत पदक विजेता टीम में भी शामिल रहे थे. डुमिनी ओडिशा की टीम से कई नेशनल रग्बी मुकाबलों में खेल चुकी है और उनके खाते में 7 स्वर्ण सहित 15 पदक हैं. केआईआईटी यूनिवर्सिटी में एमए की छात्रा डुमिनी ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 में आयोजन के लिए दी गई सुविधाओं की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि ये खेल यूनिवर्सिटी से आने वाले खिलाडिय़ों के लिए एक बेहतरीन मंच है. उन्होंने स्पोटर्स कॉलेज के रग्बी मैदान की भी तारीफ की और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मिली सुविधाओं के चलते हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिली. डुमिनी का ये दूसरा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स है और अब उनकी निगाह आगामी एशियाड के लिए भारतीय रग्बी टीम में जगह बनाने पर है.