लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) में पहली बार विषय विशेषज्ञ के रूप में सेवानिवृत्त नौकरशाह को तैनाती दी गई है. सलाह लेने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम हर माह करीब एक लाख खर्च करेगा. एक साल तक के लिए यह तैनाती रहेगी. इसके बाद कामकाज को देखते हुए एक एक साल के लिए संविदा और बढ़ाई जाएगी. इतना ही नहीं परिवहन निगम के अधिकारियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं भी सेवानिवृत्त अधिकारी को मिलेंगी.
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पूर्व आईएएस अधिकारी को संविदा पर रखा गया हो. सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज अब परिवहन निगम के लिए काम करेंगे. कंसलटेंट की भूमिका निभाएंगे. परिवहन निगम की तरफ से इसके एवज में उन्हें अच्छा मानदेय दिया जाएगा, साथ ही वर्तमान अधिकारियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं भी उन्हें मिलेंगी. ₹96,900 मानदेय पूर्व आईएएस को दिया जाएगा. इसके अलावा वर्तमान अधिकारियों की तरह ही सेवानिवृत्त अधिकारी को 14 अवकाश भी मिलेंगे. कार्यालय आने जाने के लिए वाहन की सुविधा मिलेगी. अगर विभागीय कार्य से बाहर जाते हैं तो जो भी खर्च आएगा वह भी परिवहन निगम की तरफ से ही भरा जाएगा. पूर्व आईएएस जगतराज परिवहन निगम की विभिन्न परिसंपत्तियों और शासन प्रशासन के माध्यम से समय-समय पर क्रियान्वयन की जा रही योजनाओं और राजस्व विभाग में निगम की परिसंपत्तियों का अभिलेखों में अंकन और संबंधित वादों में प्रभावी अनुश्रवण करेंगे.
जानकारी देते प्रधान प्रबंधक प्राविधिक व जनसंपर्क अधिकारी अजीत सिंह परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया कि विषय विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किए गए सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज को एक साल की अवधि के लिए तैनाती दी गई है. अवधि समाप्त होने के बाद उनके कार्य का आकलन करते हुए एक वर्ष की अवधि के लिए सेवा विस्तार किया जा सकेगा. यह प्रक्रिया अगले वर्ष के लिए प्रभावी होगी. संविदा पर अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक रखा जाएगा. पदाधिकारी को कैलेंडर वर्ष में 14 दिन का आकस्मिक अवकाश देय होगा. संविदा की अवधि में अधिकारी द्वारा अंतिम वेतन 1,93,800 प्रति माह में से पेंशन की धनराशि ₹96,900 घटते हुए कुल मानदेय ₹96,900 दिया जाएगा. चयनित अधिकारी को कार्यालय आने जाने के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध होगी. सेवानिवृत्त से पूर्व अधिकारी के रूप में प्राप्त होने वाले अन्य कोई लाभ उन्हें देय नहीं होंगे.
उन्होंने बताया कि मानदेय पर पाबंद किए गए अधिकारियों को 15 दिन के नोटिस पर प्रबंध निदेशक द्वारा बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकेगा. विभागीय आवश्यकतानुसार अवकाश के दिनों में उच्च प्रबंधन द्वारा बुलाए जाने पर कार्यों के निस्तारण के लिए कार्यालय आना होगा. इसके लिए कोई प्रतिकर, अवकाश या लाभ देय नहीं होंगे. किन्हीं कारणों से निर्धारित अवकाश से अधिक दिवसों में अनुपस्थित होने की दशा में प्राप्त हो रहे मानदेय से समानुपातिक कटौती की जाएगी. पदाधिकारी के नियंत्रण का अधिकार प्रबंध निदेशक में निहित होंगे.
प्रधान प्रबंधक प्राविधिक व जनसंपर्क अधिकारी अजीत सिंह बताते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में विशेषज्ञ के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज को तैनात किया गया है. रोडवेज की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करेंगे, साथ ही राजस्व विभाग में प्रपत्रों का अंकन भी करेंगे.
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