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नमक सप्लाई घोटाले के आरोपी आशीष से पूछताछ करेगी पुलिस

सरकारी विभाग में नमक सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर गुजरात के व्यापारी से करोड़ों की ठगी की गई. मामले में एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र सिंह मुख्य आरोपी आशीष राय से पूछताछ करेंगे. कोर्ट ने पुलिस की डिमांड पर आशीष राय की 12 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड दी है.

etv bharat
पुलिस आयुक्त.

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Published : Sep 11, 2020, 2:02 PM IST

लखनऊ: सरकारी विभाग में नमक सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर गुजरात के व्यापारी से करोड़ों की ठगी की गई. मामले में एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र सिंह मुख्य आरोपी आशीष राय से पूछताछ करेंगे. कोर्ट ने पुलिस की डिमांड पर आशीष राय की 12 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड दी है. नमक सप्लाई टेंडर दिलाने के नाम पर की गई धोखाधड़ी सहित पशुधन विभाग में आटे की सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर की गई धोखाधड़ी के मामले में भी आशीष राय आरोपी हैं. पशुधन घोटाले के मामले में आशीष राय के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने चार्जशीट फाइल की है.

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 120 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले मुख्य आरोपी आशीष राय से पुलिस की एक टीम ने बीते दिनों लखनऊ जेल पहुंचकर पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं. बताते चलें कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में नमक की सप्लाई के टेंडर दिलाने के नाम पर अहमदाबाद के व्यापारी नरेंद्र भाई पटेल से ठगी की गई थी, जिसको लेकर हजरतगंज थाने में पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के निर्देशों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में आशीष राय को आरोपी बनाया गया था. आशीष राय पहले ही पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर हुए घोटाले में आरोपी था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आशीष को जेल में भेज दिया था.

विभाग में टेंडर दिलाने के लिए घोटाले की शुरुआत दिल्ली से शुरू हुई थी. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, व्यापारी नरेंद्र की अहमद नाम के व्यक्ति ने यूपी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में टेंडर दिलाने के लिए सुनील गुर्जर से दिल्ली के कनॉट प्लेस में मीटिंग कराई थी. कनॉट प्लेस में पहली मीटिंग के बाद कलीम के कहने पर नरेंद्र को लखनऊ लाया गया था. लखनऊ गोमती नगर स्थित एक होटल में व्यापारी की आशीष राय, रितु ज्योति, राघव, एके अग्निहोत्री, लोकेश मिश्रा से मुलाकात कराई और टेंडर दिलाने को लेकर फाइनल बातचीत हुई. इस दौरान टेंडर के बदले कमीशन भी तय हुआ. व्यापारी को विश्वास में लेने के लिए उसे कई बार विधानसभा भी ले जाया गया. वहां पर एक साथी को अधिकारी बना कर पेश किया गया था.

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