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लखनऊ: फर्जी मार्कशीट के आधार पर फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन, गिरोह के सदस्य गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ में फर्जी मार्कशीट के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले गिरोह के सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में यह भी पता चला कि इस मामले में फार्मेसी काउंसिल के कुछ बाबू भी शामिल हैं.

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Published : Oct 26, 2019, 4:38 AM IST

फर्जी मार्कशीट पर रजिस्ट्रेशन करने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार.

लखनऊ: राजधानी में फर्जी मार्कशीट के आधार पर उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ में रजिस्ट्रेशन कराने वाले गिरोह के सदस्यों को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में फर्जी मार्कशीट, वेरीफिकेशन काउंसिल के दस्तावेज, लैपटॉप, प्रिंटर और नकदी बरामद की गई है.

फर्जी मार्कशीट पर रजिस्ट्रेशन करने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार..

इस मामले में लखनऊ पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह सभी आरोपी विभिन्न विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट के आधार पर उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ में रजिस्ट्रेशन करवाने का काम किया करते थे.

420 के तहत किया गया ऑपरेशन
एसपी ट्रांस गोमती अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी लखनऊ में 420 के तहत ऑपरेशन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ में फर्जी दस्तावेज के माध्यम से मोटी रकम लेकर फर्जी मार्कशीट बनाकर और फर्जी वेरिफिकेशन करा कर फार्मेसी का रजिस्ट्रेशन कर ग्रीन कार्ड जारी करने का काम किया जा रहा था. इस कड़ी में पुलिस ने रजिस्ट्रेशन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से मार्कशीट, सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. आरोपियों के पास से 459 फर्जी मार्कशीट और कार्यालय की 92 मुहरें बरामद की गई हैं.


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फार्मेसी काउंसिल के कुछ बाबू भी हैं शामिल
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि उनका एक संगठन है, जिसमें लोगों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ के कुछ बाबू भी सम्मिलित हैं. ये लोग अलग-अलग नामों से एजुकेशन सेंटर चलाते हैं. इन्हीं सेंट्रो की आड़ में विभिन्न विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट तैयार कर फार्मेसी काउंसिल के माध्यम से फाइल तैयार कर फार्मेसी कार्यालय में जमा कर देते हैं.

वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी फर्जी तरीके से की जाती है. इस कार्य में एक अभ्यर्थी से 70 से 80 हजार रुपये लिए जाते हैं. यह लोग फर्जी मार्कशीट बनाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ का रजिस्ट्रेशन और ग्रीन कार्ड जारी कराने का काम भी करते हैं. लखनऊ पुलिस की इस कार्रवाई के तहत गिरोह के दिनेश सचान, प्रमोद अवस्थी, गुंजेश कुमार, विशाल वर्मा, शैलेश कुमार, अतुल कुमार सिंह और शाइस्ता सिद्धकी को गिरफ्तार किया गया है.

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