लखनऊ:कोरोना की तीसरी लहर अगस्त से अक्टूबर के बीच आने का अनुमान लगाया जा रहा है. केजीएमयू ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अगस्त से पहले सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. केजीएमयू बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी ने कहा कि तीसरी लहर में 40 फीसदी संक्रमित 18 साल तक के बच्चे होंगे. पहली और दूसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का का आंकड़ा 12 प्रतिशत था. चूंकि इस समय 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का ही टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में बच्चों का प्रतिरक्षा तंत्र संक्रमण से लड़ने के लिए अभी विकसित नहीं हुआ है. स्कूल खोलने से, बाल वर्ग में कोविड नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में कठिनाई होगी. वायरस में म्यूटेशन के कारण बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक है.
100 बेड का वार्ड
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक, मानसिक स्वास्थ्य विभाग में 100 बेड का वार्ड तैयार किया गया है. इसमें 50 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) और 50 ऑक्सीजन बेड होंगे. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों का समूह आपस में वर्चुअली जुड़े हैं. एक माह में 10 बेड के लिए आवश्यक उपकरण आदि की आपूर्ति तय हो गई है.
स्टाफ का प्रशिक्षण जल्द
संक्रमित बच्चों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण व निगरानी जरूरी है. डॉक्टर, नर्स ,पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य सम्बंधित कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इस प्रशिक्षण के लिए एक ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया गया है. प्रत्येक दिन प्री और पोस्ट टेस्ट लिया जाएगा. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भागीदारी का प्रमाण पत्र मिलेगा. केजीएमयू के विशेषज्ञ इसमें प्रशिक्षण देंगे. जिसमें पीजीआई, बीएचयू, लोहिया और रायबरेली एम्स भी सहयोग करेंगे. पीआईसीयू वार्ड वाले जिला अस्पतालों को निकट के मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जाएगा. दो से चार जिला अस्पताल एक मेडिकल कॉलेज से जुडे होंगे, जो कि 25 बेड वाला पीआईसीयू चलाएंगें.