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रक्तदान, प्लेटलेट दान और अंग दान से कई लोगों को मिल सकती है नई जिंदगी

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Published : Mar 14, 2022, 5:30 PM IST

लखनऊ में स्वेच्छा से रक्त और प्लेटलेट दान जागरूकता शिविर का उद्घाटन किया गया. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि लोगों में रक्त और अंग दान के लिए जागरूकता नहीं है. ऐसे में अगर लोगों को इस बारे में सही जागरूक किया जाए तो बहुत से लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है. लोगों में अंगदान को लेकर काफी भ्रम है. जनता को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

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लखनऊः राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन स्थित गांधी सभागार में स्वैच्छिक रक्त और प्लेटलेट दान जागरूकता शिविर का उद्घाटन किया. लोहिया संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खून देकर किसी की जिन्दगी बचाना सबसे महान काम है. एक स्वस्थ व्यक्ति साल में 24 बार यानी महीने में दो बार प्लेटलेट्स दान कर सकता है.

इस दौरान ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ सुब्रत चंद्रा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर एक इंसान का खून ही किसी दूसरे की जिन्दगी बचा सकता है. उन्होंने कहा कि रक्तदान एकदम सुरक्षित प्रक्रिया है. एक औसत वयस्क रक्तदान के बाद 24 से 48 घंटों में फिर से अपना रक्त बना लेता है. वहीं अगर प्लेटलेट्स दान की बात करें तो एक स्वस्थ व्यक्ति सालाना 24 बार तक दान कर सकता है.

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प्लेटलेट को 5 दिन तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है

ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ वीके शर्मा ने कहा कि प्लेटलेट्स दान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कैंसर, डेंगू, आकस्मिक दुर्घटना व अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है. प्लेटलेट्स को मात्र पांच दिनों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, उसके बाद वह मरीज को चढ़ाने लायक नहीं रहता है. इस दृष्टि से यह आवश्यक है कि प्लेटलेट्स डोनर का पंजीकरण किया जाए ताकि मरीज की जरूरत के अनुसार डोनर से प्लेटलेट्स दान कराया जा सके.

जानकारी के अभाव में रक्तदान से हैं डरते लोग

राज्यपाल ने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग रक्त दान करने से डरते हैं. लोग अनेक भ्रांतियों और गलत धारणाओं के कारण रक्तदान नहीं करते. उन्होंने कहा कि व्यापक जागरूकता अभियान चला कर लोगों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए. इस मौके पर रक्तदान के साथ-साथ अंगदान, बेटियों के पोषण व स्वास्थ्य और क्षय रोग निवारण जैसे अहम विषयों पर भी चर्चा की गई.

अंगदान के लिए प्रेरित करने की अपील

उन्होंने कहा कि लोग गलत धारणाओं के कारण अंगदान का निर्णय नहीं ले पाते हैं, जबकि किसी भी व्यक्ति के मरणोपरान्त कुछ समय के अंदर उसके अंगदान से एक जीवित व्यक्ति को स्वस्थ जीवन मिल सकता है. राज्यपाल ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अगर प्रदेश की 10 फीसदी जनता भी इस अभियान से जुड़ जाए तो हमारा राज्य देश में नम्बर वन बन जाएगा.

इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने केन्द्र और राज्य सरकार के कार्यों और रक्त संग्रहण के स्थापित पंजीकरणों के बारे में जानकारी दी. डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने बताया कि डोनर का रजिस्ट्रेशन हो जाने पर उनका विवरण वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा. डॉ तृप्ति लोखंडे ने बताया कि इस मौके पर 165 रक्तदाताओं का पंजीकरण कराया गया.

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