लखनऊः राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन स्थित गांधी सभागार में स्वैच्छिक रक्त और प्लेटलेट दान जागरूकता शिविर का उद्घाटन किया. लोहिया संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खून देकर किसी की जिन्दगी बचाना सबसे महान काम है. एक स्वस्थ व्यक्ति साल में 24 बार यानी महीने में दो बार प्लेटलेट्स दान कर सकता है.
इस दौरान ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ सुब्रत चंद्रा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर एक इंसान का खून ही किसी दूसरे की जिन्दगी बचा सकता है. उन्होंने कहा कि रक्तदान एकदम सुरक्षित प्रक्रिया है. एक औसत वयस्क रक्तदान के बाद 24 से 48 घंटों में फिर से अपना रक्त बना लेता है. वहीं अगर प्लेटलेट्स दान की बात करें तो एक स्वस्थ व्यक्ति सालाना 24 बार तक दान कर सकता है.
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प्लेटलेट को 5 दिन तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है
ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ वीके शर्मा ने कहा कि प्लेटलेट्स दान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कैंसर, डेंगू, आकस्मिक दुर्घटना व अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है. प्लेटलेट्स को मात्र पांच दिनों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, उसके बाद वह मरीज को चढ़ाने लायक नहीं रहता है. इस दृष्टि से यह आवश्यक है कि प्लेटलेट्स डोनर का पंजीकरण किया जाए ताकि मरीज की जरूरत के अनुसार डोनर से प्लेटलेट्स दान कराया जा सके.