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लखनऊ के 17 सीएचसी पर नहीं है जन औषधि केंद्र, मरीजों को नहीं मिल रही दवा

शहर की सीएससी तक मरीजों की जरूरी दवाएं नहीं मिल रही है. नियम के अनुसार सीएचसी-पीएचसी पर आने वाले सभी मरीजों को निशुल्क दवाएं मिलनी चाहिए. ज्यादातर केंद्रों पर गिनती की ही दवाएं उपलब्ध हैं.

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जन औषधि केंद्र

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Published : Jul 8, 2022, 4:58 PM IST

लखनऊ: शहर में सभी 19 सामुदायिक स्वास्थ्य औषधि केंद्र खोले जाने थे. इसके लिए जगह उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग कार्यालय को सौंपी गयी थी. योजना को आए हुए 5 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक 17 सीएससी में जन औषधि केंद्र नहीं है. कई जगह औषधि केंद्र तो बना है, लेकिन वहां पर बेसिक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं है. इसमें सिट्रीज़ीन, दर्द की दवा, फंगल इन्फेक्शन, दांत दर्द की दवा, एंटीबायोटिक और गैस की दवा तक उपलब्ध नहीं है. मौके पर सिविल अस्पताल के जन औषधि केंद्र में पहुंचकर जब हमने कुछ मरीजों से बातचीत की तो उनका साफ तौर पर कहना है कि डॉक्टर अगर 5 दवाएं लिख रहे हैं तो हमें सिर्फ एक या दो दवा ही अस्पताल से मिल रही है. बाकी दवाएं हमें प्राइवेट क्लीनिक से लेनी पड़ रही है. इसका दाम अधिक होता है.

शहर की सीएससी तक मरीजों की जरूरी दवाएं नहीं मिल रही है. नियम के अनुसार सीएचसी-पीएचसी पर आने वाले सभी मरीजों को निशुल्क दवाएं मिलनी चाहिए. हालांकि ज्यादातर केंद्रों पर गिनती की ही दवाएं उपलब्ध हो पाती हैं. ऐसे में मरीज बाहर से दवाई खरीदने को लेकर मजबूर है. इमरजेंसी में दवाओं की कमी के चलते गंभीर मरीजों को दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. कई सीएचसी पर बने जन औषधि केंद्र में ताले लटके हुए हैं.

लखनऊ के 17 सीएचसी पर नहीं है जन औषधि केंद्र
यहां अब तक नहीं खुले हैं केंद्र

बताते चलें कि, इन सीएचसी सिल्वर जुबली, ऐशबाग, निगोहा, टूंड़ियागंज, माल, मलिहाबाद, बीकेटी, इटौंजा, गुडंबा, अलीगंज, नगराम, चंदननगर, चिनहट, एमके रोड, इंदिरा नगर और रेड क्रॉस में जन औषधि केंद्र खोले जाने थे. लेकिन जगह नहीं उपलब्ध पाने की वजह से फिलहाल इन जगहों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र अभी तक नहीं खुला है. इससे क्षेत्र के लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन क्षेत्रों के लोगों को मजबूरी में सिविल अस्पताल में मौजूद जन औषधि केंद्र या फिर बलरामपुर अस्पताल में मौजूद जन औषधि केंद्र में दवाओं के लिए आना पड़ता है. और यहां पर भी आने के बावजूद मरीजों को सारी दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में मरीज परेशान हैं मजबूरी में बाहर की दवा खरीद रहे हैं.

अन्य जिलों से भी इलाज के लिए आते हैं मरीज

कुछ लोगों से बातचीत के दौरान पता चला कि कोई बाराबंकी से आया है तो कोई अयोध्या से इलाज के लिए आया है. आमतौर पर यह मरीज आर्थिक तौर पर मजबूत नहीं है. खेती किसानी करने वाले लोग हैं. ऐसे में अन्य जिलों से आकर जब अस्पताल में यहां पर दर-दर की ठोकर खाते हैं तो वह भी दोबारा आने के बारे में एक बार सोचते जरूर हैं. कुछ मरीज तीमारदारों ने बातचीत के दौरान बताया कि यहां पर हमें सारी दवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं एक दवाई मिल रही है तो बाकी चार-पांच दवाई हमें बाहर मार्केट से खरीदनी पड़ रही है. ऐसे में हमारा अच्छा खासा खर्चा दवाइयों पर बैठ जाता है. अगर वही दवाएं हमें यहां से उपलब्ध हो जाएं तो हमारा कुछ पैसा बच जाएगा.

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प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत मरीजों को हजार से अधिक दवाएं 70 प्रतिशत की छूट पर मुहैया कराई जाती है. सीएचसी पीएचसी पर मरीजों को निशुल्क दवाएं दी जाती है. ज्यादातर दवाइयां केंद्र पर उपलब्ध नहीं होती है. ऐसे में मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर का रुख करना पड़ता है. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों की सुविधा के लिए जिले की सभी सीएचसी पर जन औषधि केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया था. इसका जिम्मा आयुष्मान भारत योजना संचालित करने वाली एजेंसी सा चीज को सौंपा गया था. चीज ने केंद्र शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग कार्यालय से सीएससी पर जगह मांगी थी. पांच साल बाद भी अब तक जगह नहीं मिल सकी है. ऐसे में मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महंगी दवाई खरीदने पर मजबूर है. गरीब मजबूर मरीजों के पास पैसे नहीं हैं, लेकिन दवाई के लिए वह अपनी जमीन व घर तक बेच रहे हैं.

सिविल अस्पताल की जन औषधि केंद्र में चला रहे फार्मासिस्ट आदर्श गुप्ता ने बताया कि यूपी मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन के द्वारा केंद्रों पर दवाई उपलब्ध कराई जाती है, इसके लिए हम ऑनलाइन डिमांड करते हैं. कुछ ऐसी दवाई होती हैं जो हर पर्चे में लिखी होती है. जिसमें गैस, एलर्जी, एंटीबायोटिक जैसी दवाएं शामिल हैं. इसका स्टॉक कम आता है और डिमांड ज्यादा है. जिसकी वजह से यह दवाई जल्दी खत्म हो जाती है और खत्म होने के चार-पांच दिन बाद ही यह दवाएं दोबारा हमें मिल पाती हैं. यही कारण है कि केंद्र में दवा मरीजों को क्यों नहीं उपलब्ध हो पा रही हैं.

स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा कि, 'बीते दो साल से कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर हमारा ध्यान कोविड कंट्रोल करने पर था. अब उसके बाद संचारी रोग तेजी से फैल रहा है. इस बीच हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही सभी सीएचसी पर जन औषधि केंद्र को खोलने के लिए जगह मुहैया करवा दी जाएगी. इसके लिए सभी अधीक्षक प्रभारी को पत्र जारी कर दिया गया है. जल्द ही जगह मिल जाएगी.

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